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18 क्विंटल गांजे के साथ, मुंबई पुलिस ने 2 को किया गिरफ्तार, नारियल के अंदर छिपाकर हो रही थी तस्करी!

मुंबई: मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल की घाटकोपर यूनिट ने नशे के कारोबारियों पर कार्रवाई करते हुए 18 क्विंटल गांजे के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसकी कीमत साढ़े तीन करोड़ रुपए बताई जा रही है। खास बात यह है कि गांजे को नारियल के अंदर छिपा कर सप्लाई किया जा रहा था। इनके पास से एक टेम्पो भी जब्त हुआ है। बरामद गांजे की कीमत तकरीबन साढ़े तीन करोड़ रुपए के आसपास बताई गई गयी है।
मुंबई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर मिलिंद भारंभे ने बताया कि घाटकोपर यूनिट ने विक्रोली के पास मुंबई ठाणे हाईवे पर जाल बिछाकर एक टेम्पो का पीछा किया और नारियल से लदे ट्रक को पकड़ा। आरोपियों ने 18 क्विंटल गांजे को अलग-अलग नारियल के अन्दर छिपाकर रखा था।

श्री भारंभे ने बताया कि इस मामले में आकाश यादव और दिनेश सरोज नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये ओड़िसा के नक्सल प्रभावित जिलों से गांजा लाकर महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में भेजा करते थे। आरोपी के पास से बरामद टेम्पो कुछ ही दिनों पहले खरीदारी की गई थी। आरोपी हर बार नए टेम्पो का इस्तेमाल करते थे।

मुंबई में हर महीने 4 क्विंटल गांजा बेचा जाता था
मिलिंद के मुताबिक, दोनों आरोपी हर महीने महाराष्ट्र में 6 टन गांजा सप्लाई करते थे और 4 टन गांजा सिर्फ मुंबई में खपाया जाता था। पुलिस को इस मामले में अब मुख्य सरगना संदीप सातपुते और लक्ष्मी प्रधान नाम के शख्स की तलाश है। सातपुते बीते 5 सालों से गांजा की सप्लाई के कारोबार से जुड़ा है। वही कई बार अरेस्ट भी हो चुका है। ठाणे के लुईसवाड़ी में रहने वाले सातपुते का भिवंडी इलाके में गोडाउन है। वह मुंबई, ठाणे, भिवंडी और आसपास के इलाके में गांजा सप्लाई करता है।

ओड़िसा से आता था गांजा
पुलिस के मुताबिक, उड़ीसा से यह गांजा सप्लाई किया जाता है। उड़ीसा का लक्ष्मी प्रधान नाम का आदमी इस गांजे की सप्लाई करता है। उड़ीसा से जो ड्राइवर टेंपो लेकर महाराष्ट्र की तरफ आता है। उसका मोबाइल लक्ष्मी प्रधान के लोग यहां ले लेते हैं और बीच में ही ड्राइवर भी बदल देते हैं। जब यह टेंपो उड़ीसा से महाराष्ट्र के लिए निकलता है। उस दौरान भी रास्ते में कई जगहों पर गांजे की सप्लाई की जाती थी।