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26 जनवरी को तिरंगे के अपमान से दुखी हुआ देश: पीएम

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ करते हुए राजधानी में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर हुए तिंरगे के अपमान की घटना को दुखी करने वाला बताया।
उन्होंने देश की जनता से कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने नए साल में पहली बार मन की बात करते हुए कहा, दिल्ली में, 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख, देश, बहुत दुखी भी हुआ। हमें आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है। हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया। इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब मैं ‘मन की बात’ करता हूं तो ऐसा लगता है, जैसे आपके बीच, आपके परिवार के सदस्य के रूप में उपस्थित हूं। हमारी छोटी-छोटी बातें, जो एक-दूसरे को, कुछ, सिखा जाये, जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव जो, जी-भर के जीने की प्रेरणा बन जाये- बस यही तो है ‘मन की बात’।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र ने असाधारण कार्य कर रहे लोगों को उनकी उपलब्धियां और मानवता के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। इस साल भी पुरस्कार पाने वालों में, वे लोग शामिल हैं जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है। अपने कामों से किसी का जीवन बदला है, देश को आगे बढ़ाया है। यानी, जमीनी स्तर पर काम करने वाले अनसंग हीरोज को पद्म सम्मान देने की जो परंपरा देश ने कुछ वर्ष पहले शुरू की थी, वो इस बार भी कायम रखी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपील करते हुए कहा, मेरा आप सभी से आग्रह कि इन लोगों के बारे में, उनके योगदान के बारे में जरूर जानें, परिवार मे उनके बारे में चर्चा करें। देखिएगा, सबको इससे कितनी प्रेरणा मिलती है।
वर्ष 2021 में पहली बार ‘मन की बात’ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं से देश के स्वतंत्रता सेनानियों की वीरगाथाओं पर किताब लिखने की अपील की है। ताकि, भावी पीढ़ी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृतियां जिंदा रहें। प्रधानमंत्री मोदी ने लेखन को आजादी के नायकों के प्रति उत्तम श्रद्धांजलि बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मशहूर रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में रविवार को कहा, मैं सभी देशवासियों को और खासकर के अपने युवा साथियों का आह्वान करता हूं कि वो देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में लिखें। अपने इलाके में स्वतंत्रता संग्राम के दौर की वीरता की गाथाओं के बारे में किताबें लिखें। अब, जबकि भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष मनाएगा, तो आपका लेखन आजादी के नायकों के प्रति उत्तम श्रद्धांजलि होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के हर हिस्से में, हर शहर, कस्बे और गांव में आजादी की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ी गई थी। भारत भूमि के हर कोने में ऐसे महान सपूतों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। ऐसे में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हमारे लिए किए गए उनके संघर्षों और उनसे जुड़ीं यादों को हम संजोकर रखें और इसके लिए उनके बारे में लिखकर हम अपनी भावी पीढ़ियों के लिए उनकी स्मृतियों को जीवित रख सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस साल की शुरूआत के साथ ही कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को भी करीब-करीब एक साल पूरा हो गया है। जैसे कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई एक उदाहरण बनी है, वैसे ही, अब, हमारा वैक्सीनेशन प्रोग्राम भी, दुनिया में एक मिसाल बन रहा है।