महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य

महाराष्ट्र: आज से शुरू हुआ 2 दिन का मानसून सत्र अधिवेशन

संजय राऊत बोले- शेलार से मुलाकात के बारे में उड़ाई गई अफवाह, इससे ‘महाविकास आघाड़ी’ होगी और मजबूत!

मुंबई: सांसद संजय राऊत ने पूर्व मंत्री तथा बीजेपी विधायक आशीष शेलार से मुलाकात की खबरों को अफवाह करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की अफवाहों से राज्य सरकार में कोई राजनीतिक अस्थिरता नहीं आएगी, बल्कि महाविकास आघाड़ी और मजबूत होगी। शिवसेना नेता राऊत ने दावा करते हुए कहा कि वे आ

शीष शेलार से शनिवार को नहीं मिले। रविवार को पत्रकारों से बातचीत में राऊत ने कहा कि जिन लोगों को मुझसे कष्ट और वेदना होती है ऐसे लोग मेरे बारे में अफवाह फैलाते रहते हैं। मैं शनिवार को अपने काम में व्यस्त था। मेरी शेलार से कोई मुलाकात नहीं हुई है। राऊत ने कहा कि मैं और शेलार बहुत पहले एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मिले थे। उस समय हम दोनों ने सबके सामने कॉफी पी थी। राज्य में दो दलों के बीच राजनीतिक मतभेद होते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम एक-दूसरे के दुश्मन हैं। महाराष्ट्र की राजनीति भारत और पाकिस्तान के रिश्ते की तरह नहीं है कि देखते ही गोली मारकर खत्म कर दो। इससे पहले शनिवार को शेलार ने भी कहा था कि उनकी राऊत के साथ बैठक नहीं हुई है।

विपक्ष को सदन चलने देना चाहिए
राऊत ने कहा कि सोमवार से शुरू होने वाले विधानमंडल के मानसून अधिवेशन में विपक्ष को दोनों सदनों को पूरे समय तक चलने देना चाहिए। यदि विपक्ष को महाराष्ट्र की चिंता है तो उसे सदन में कामकाज होने देना चाहिए। राऊत ने कहा कि सदन में कामकाज रोकने के लिए हंगामा करने को विपक्ष की रणनीति नहीं कही जा सकती है। इस तरह की रणनीति सत्ताधारी दलों की ओर से भी बनाई जा सकती है पर सरकार का प्रयास सदन में जनहित के मुद्दों को न्याय देना है।

आज से शुरू हुआ 2 दिन का मानसून सत्र अधिवेशन
उद्धव सरकार का आज (सोमवार) से दो दिवसीय विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। इस मानसून सत्र को लेकर पहले से ही सरकार और विपक्ष में बैठी बीजेपी के बीच तीखे प्रहार हो चुके हैं। जहां बीजेपी लगातार सरकार से विधानसभा अधिवेशन की समय सीमा को बढ़ाने के लिए कहती रही, वहीं उद्धव सरकार ने कोरोना का हवाला देते हुए सत्र को नहीं बढ़ाए जाने की बात कही।
फिलहाल महाराष्ट्र सरकार 2 दिन के इस अधिवेशन में तीन मुख्य प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। इस अब तक के इस सबसे छोटे अधिवेशन के बेहद हंगामेदार रहने की आशंका जताई जा रही है।

कृषि कानून का विरोध
महाराष्ट्र सरकार इस मानसून सत्र में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानून को किसानों के खिलाफ बताते हुए राज्य सरकार अपना नया कृषि कानून लाने की तैयारी में है। इस अधिवेशन में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में प्रस्ताव लाया जाएगा।

आरक्षण संबंधी प्रस्ताव
महाराष्ट्र सरकार को मराठा आरक्षण और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर मुंह की खानी पड़ी है। बीजेपी पहले ही यह मांग कर चुकी है कि जबतक ओबीसी समाज का राजनीतिक आरक्षण दोबारा बहाल नहीं हो जाता तब तक कोई भी स्थान स्थानीय निकाय के चुनाव ना करवाए जाएं। इस संबंध में राज्य सरकार केंद्र से इम्पेरिकल डाटा देने की भी मांग करेगी। साथ ही ‘महाविकास अघाड़ी सरकार’ केंद्र सरकार से इस बात की मांग करेगी कि संविधान में सुधार करके राज्य को आरक्षण देने का अधिकार दिया गया है। इसके अलावा 50% आरक्षण की सीमा को भी बढ़ाए जाने के लिए कानून बनाया जाए।