दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिशहर और राज्य MP: कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा, विधानसभा स्पीकर से मिले BJP नेता 10th March 202010th March 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this बीजेपी ने बुलाई संसदीय बोर्ड की बैठक, इस्तीफे से पहले पीएम मोदी से साथ सिंधिया की बैठक, आज ही बीजेपी ज्वाइन करेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल: मध्य प्रदेश में बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने पाले में करके कांग्रेस सरकार की जड़ें हिला दी हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस का दामन छोड़ने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के संगठन में बड़ी बगावत के संकेत मिलने लगे हैं। कांग्रेस पार्टी से ज्योतिरादित्य की रवानगी के साथ ही संगठन के कई जिलाध्यक्षों ने भी अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को सौंपा है। इन नेताओं में कई चेहरे ऐसे भी हैं, जिन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया का बेहद खास माना जाता रहा है।ज्योतिरादित्य के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद शिवपुरी, गुना, ग्वालियर, मुरैना आदि कई जिलों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं में कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मनोजपाल यादव, मुरैना के जिलाध्यक्ष राकेश मावई, जिला महामंत्री हरिओम शर्मा, भोपाल के कार्यकारी जिलाध्यक्ष कृष्णा घाडगे, इंदौर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष प्रमोद टंडन समेत करीब दर्जन भर नाम शामिल हैं।सिंधिया गुट के 20 विधायकों के इस्तीफे के बाद मंगलवार दोपहर में कांग्रेस के दो और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा की मौजूदा संख्या घटकर 206 रह गई है। बहुमत के लिए सिर्फ 104 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी।ऐसे में बहुमत के लिए सिर्फ 104 विधायकों की आवश्यकता है। बीजेपी के खुद के 107 विधायक हैं। ऐसे में राज्यपाल का न्योता मिलते ही बीजेपी तुरंत सरकार बनाएगी और विधानसभा में आसानी से बहुमत भी साबित कर लेगी। गौर करने वाली बात यह है कि मध्य प्रदेश में चार निर्दलीय विधायकों ने कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रखा है। ताजा घटनाक्रम में सरकार गिरने के बाद ये विधायक भी पाला बदल सकते हैं। अगर ये चारों विधायक भी बीजेपी के साथ आ जाते हैं तो नई सरकार के समर्थन में विधायकों का आंकड़ा बढ़कर 111 हो जाएगा। बाद में उपचुनाव में बीजेपी को 22 में छह सीटों पर ही जीत हासिल करने की जरूरत होगी। अगर निर्दलीय बीजेपी के साथ नहीं आते तो पार्टी को उपचुनाव में कम-से-कम 10 सीटें जीतनी होंगी। वहीं, कांग्रेस को अगर फिर से सरकार बनानी है तो उसे उपचुनाव में कम-से-कम 21 सीटें जीतनी होंगी क्योंंकि अब उसके विधायकों की संख्या घटकर 94 रह गई है। अगर बीएसपी-एसपी के तीनों विधायकों का समर्थन कांग्रेस के साथ बरकरार रहा तो पार्टी को 18 सीटें जीतनी होगी। अगर चार निर्दलीय विधायकों ने भी पाला नहीं बदला तो कांग्रेस को सिर्फ 14 सीटें जीतनी होगी। अभी कैसा है समीकरणमध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। राज्य के 2 विधायकों का निधन हो गया जिसके बाद विधानसभा की मौजूदा शक्ति 228 हो गई है। कांग्रेस के 114 विधायक थे। इस कारण सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 115 रहा। कांग्रेस को 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक एसपी विधायक का समर्थन मिला हुआ है। इस तरह कांग्रेस ने कुल 121 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। सिंधिया परिवार के चलते दोहरा रहा इतिहासमध्य प्रदेश में 53 साल बाद इतिहास एक बार फिर अपने आपको दोहरा रहा है। आज से 53 साल पहले 1967 में राजमाता विजयाराजे सिंधिया की वजह से कांग्रेस सत्ता से बेदखल हुई थी। अब उनके पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से कमलनाथ सरकार सत्ता से बेदखल हो रही है। 1967 में विजयाराजे ने कांग्रेस को अलविदा कहकर लोकसभा चुनाव स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर लड़ा और जीत दर्ज की। अब ज्योतिरदित्य बीजेपी से राज्यसभा में जा सकते हैं।उल्लेखनीय है कि 1967 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत हासिल हुआ था और डी.पी. मिश्रा मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन बाद में कांग्रेस के 36 विधायकों ने विजयाराजे के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर की और विपक्ष से जा मिले। डी.पी. मिश्रा को इस्तीफा देना पड़ा था। अब एक बार फिर वही पटकथा लिखी गई है। ज्योतिरादित्य खेमे के 22 कांग्रेसी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जल्द ही राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। बुआ यशोधरा बोलीं- राजमाता के रक्त ने लिया राष्ट्रहित में फैसलाकांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस से इस्तीफा देकर भगवा पार्टी का दामन थामने पर ज्योतिरादित्य का ‘परिवार’ की तरफ से स्वागत हुआ है। ज्योतिरादित्य की बुआ यशोधरा ने कहा है कि अब हर फासला मिट गया, साथ मिलकर नया देश गढ़ेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद अब सिंधिया खानदान में खुशी की लहर है। बीजेपी नेता और ज्योतिरादित्य की बुआ और शिवराज सरकार में मंत्री रह चुकीं यशोधरा राजे ने इसे साहसिक कदम बताया है। शिवपुरी से बीजेपी विधायक यशोधरा राजे ने सिंधिया के इस्तीफे पर ट्वीट किया- राजमाता के रक्त ने लिया राष्ट्रहित में फैसला। साथ चलेंगे, नया देश गढ़ेंगे, अब मिट गया हर फासला। (ज्योतिरादित्य) सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने के साहसिक कदम का मैं आत्मीय स्वागत करती हूं। नंबर गेम पर कांग्रेस बोली- अभी कमलनाथ का मास्टरस्ट्रोक बाकीज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद सूबे की राजनीति में भूचाल आ गया है। एक ओर जहां अब तक 22 कांग्रेस विधायक अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं, वहीं कांग्रेस का दावा है कि सीएम कमलनाथ का मास्टरस्ट्रोक आना अभी बाकी है। हालांकि कांग्रेस यह बताने को तैयार नहीं है कि वह कौन सा मास्टरस्ट्रोक होगा, जिसके चलते वह सूबे में अपनी सरकार बचाने में कामयाब हो पाएगी। हैरान करने वाली बात यह है कि इस पूरे घटनाक्रम के बीच बीजेपी का दावा है कि इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायकों की संख्या 30 तक पहुंचेगी। Post Views: 147