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UP विधानसभा में उठी ‘पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग’, विभिन्न सदस्यों ने किया इस मांग का समर्थन

लखनऊ,(राजेश जायसवाल): उत्तर प्रदेश विधानसभा में पत्रकारों की सुरक्षा एवं उन्हें गुजारा-भत्ता, कैशलेस इलाज और अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने हेतु पूरे राज्य में ‘पत्रकार सुरक्षा कानून’ लागू किए जाने की मांग उठाई गई।

विधान परिषद सदस्य (MLC) आशुतोष सिन्हा ने मंगलवार को सदन में पत्रकारों के हित में ‘पत्रकार सुरक्षा कानून’ लागू करने की मांग की। श्री सिन्हा ने कहा कि पत्रकारों को 20 लाख रूपये तक कैशलेस इलाज, नये पत्रकारों को 10 हजार, 20 वर्षो तक पत्रकारिता कर चुके वरिष्ठ पत्रकारों को 25 हजार रुपये गुजारा भत्ता और एक करोड़ तक का जीवन बीमा दिया जाये।

पत्रकारों द्वारा सरकारी महकमें के व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अराजकतत्वों के विरुद्ध ख़बरों को उजागर करने में उन्हें निरंतर धमकियाँ मिलती रहती हैं और उनके साथ मारपीट एवं अन्य दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जिससे कई बार इन कलमकारों को अपनी जान तक गवानीं पड़ती है। इसके साथ इनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय होने के कारण उनकों अपने का गुजारा कर पाना मुश्किल होता है। इसलिए
पत्रकारों को नो प्रॉफिट-नो लॉस (न कोई लाभ और न ही कोई हानि) के आधार पर विकास प्राधिकरण, आवास विकास के फ्लैट उपलब्ध कराये जाने चाहिए। पत्रकारों को न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने और उन्हें अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा।

उन्होंने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करना सरकार का दायित्व है। पत्रकारों को अक्सर हिंसा, धमकी और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण उन्हें अपनी जान और परिवार की सुरक्षा की चिंता रहती है। इसलिए पत्रकारों की सुरक्षा हेतु पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने सरकार का ध्यान इस तरफ आकर्षित करते हुए मांग की कि आवश्यक रुप से ये सभी बिन्दुओं पर कार्यवाही की जाये, जिससे पत्रकारों को लाभ मिल सके।