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Vinod Upadhyay Encounter: श्रीप्रकाश शुक्ला को देख बना था गैंगस्टर; पूर्वांचल में राज करने का था सपना, हुआ अंत!

सुलतानपुर: गैंगस्टर विनोद उपाध्याय को उत्तर प्रदेश पुलिस ने ढेर कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह 3:30 बजे के करीब एसटीएफ की बदमाश से मुठभेड़ हो गई। DSP STF दीपक कुमार सिंह के नेतृत्व में यह मुठभेड़ हुई। इसमें माफिया और शार्प शूटर विनोद कुमार उपाध्याय गोली लगने से घायल हो गया। बाद में मेडिकल कालेज में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

गैंगस्टर विनोद कुमार उपाध्याय अयोध्या के महराजगंज के मायाबाजार का रहने वाला था। उस पर विभिन्न जिलों में 35 मुकदमे दर्ज थे। एसपी सोमेन बर्मा ने इसकी पुष्टि की है। गैंगस्टर विनोद कुमार उपाध्याय पर गोरखपुर पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित कर रखा था। वो काफी समय से यूपी एसटीएफ के निशाने पर था। उसका नाम यूपी के टॉप-61 माफियाओं की लिस्ट में शामिल था। पिछले काफी समय से यूपी पुलिस और STF को विनोद उपाध्याय की तलाश थी। विनोद गोरखपुर के टॉप-10 अपराधियों की लिस्‍ट में शामिल था। STF के साथ गोरखपुर क्राइम ब्रांच भी उसके पीछे लगी हुई थी।

एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक, शुक्रवार सुबह तकरीबन 3:30 बजे एसटीएफ की टीम ने सुल्तानपुर जिले में विनोद उपाध्याय को घेर लिया, जिसके बाद उसने घेरा तोड़कर भागने की कोशिश की और पुलिस पर कई राउंड फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ ने भी फायरिंग की। जिसके बाद विनोद को गोली लग गई। एसटीएफ की टीम उसे तत्काल अस्पताल लेकर पहुंची, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

DSP STF दीपक कुमार सिंह पत्रकारों से बातचीत करते हुए…

STF से मुठभेड़ में बदमाश ढेर, एक लाख का था इनाम!
विनोद पर गोरखपुर पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित कर रखा था। विनोद एक संगठित गिरोह बनाकर गोरखपुर, बस्ती, संतकबीर नगर, लखनऊ में कई सनसनीखेज हत्या की वारदातों को भी अंजाम दे चुका था। आज हुई इस कार्रवाई का नेतृत्व एसटीएफ के डीएसपी दीपक कुमार सिंह कर रहे थे।

एसटीएफ गोरखपुर, क्राइम ब्रांच और गोरखपुर पुलिस पिछले करीब 7 महीनों से विनोद की तलाश में अलग-अलग जगह पर छापेमारी कर रही थी। मुठभेड़ में विनोद के पास से एक चाइनीज पिस्टल 30 बोर, स्टेन गन 9 एमएम फैक्ट्री मेड, जिंदा कारतूस, खोखा कारतूस और एक स्विफ्ट कार बरामद हुई है। विनोद पर कुल 35 मुकदमे दर्ज थे जिसमें पहला मुकदमा 1999 में दर्ज हुआ था। योगी सरकार द्वारा जारी 61 मोस्ट वांटेड माफियाओं की लिस्ट में विनोद का नाम टॉप-10 माफियाओं की सूची में था। विनोद उपाध्याय का निशाना काफी सटीक था। उसकी मौत को पुलिस बड़ी कामयाबी मान रही है।

2007 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुका था विनोद!
विनोद उपाध्याय 2007 में मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) के टिकट पर चुनाव लड़ चुका था। विनोद ने 2007 में राजनीति में आने की सोची और इसके लिए उसने बहुजन समाज पार्टी को चुना। उस वक्त बसपा के नंबर दो के नेता से विनोद की काफी नजदीकियां थीं। इतना ही नहीं विनोद को 2007 में गोरखपुर जिले का प्रभारी बनाया गया और विधानसभा चुनाव के दौरान विनोद को गोरखपुर की सदर सीट से प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा गया। बसपा सुप्रीमो मायावती खुद उसका प्रचार करने गोरखपुर गई थीं।

विनोद के कई किस्से मशहूर हैं विनोद एक थप्पड़ के बदले मर्डर करने से अचानक चर्चा में आया था! 2004 में गोरखपुर जेल में बंद एक अपराधी ने विनोद को किसी बात पर एक थप्पड़ मार दिया, इसके बाद जब उस अपराधी को जमानत मिली तो 1 साल बाद विनोद ने संत कबीर नगर में उस अपराधी को गोली मार दी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी!

रिपोर्ट – अंकेश जायसवाल