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अजित गुट के मंत्रियों को शरद पवार का इशारों में जवाब- हम सरकार का समर्थन करते हैं, आप भी हमारे साथ आइए!

मुंबई: महाराष्ट्र के नए उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके समर्थक विधायकों के एनसीपी से अलग होकर बीजेपी को समर्थन देने के फैसले के बाद आज पूरे विधायकों ने शरद पवार से मुलाकात की। प्रफुल्ल पटेल और अजित पवार की अगुवाई में एनसीपी के नवनिर्वाचित 8 मंत्रियों ने शरद पवार का आशीर्वाद लिया। इस दौरान अज‍ित पवार गुट के सभी मंत्रियों ने शरद पवार को मनाने की कोशिश की। कहा क‍ि हमने सरकार का समर्थन किया है, आप भी हमारे साथ आइए। दादा गुट के मंत्री ने यह कहकर शरद पवार को मनाने की कोशिश की कि देखिए एनसीपी कैसे एकजुट रहेगी।
दरअसल, महाराष्‍ट्र विधानमंडल का मानसून सत्र कल (सोमवार) से शुरू हो रहा है। इससे पहले बीते द‍िनों दादा गुट के सभी नेताओं ने वाईबी चव्हाण सेंटर में शरद पवार से मुलाकात की थी। सभी मंत्रियों ने एक बार फिर शरद पवार को बीजेपी का समर्थन करने की गुजार‍िश की। इस दौरान प्रफुल्ल पटेल, अजित पवार, छगन भुजबल, सुनील तटकरे, धनंजय मुंडे, हसन मुश्रीफ, दिलीप वलसे पाटिल, अदिती तटकरे, नरहरि जिरवाल जैसे नेताओं ने शरद पवार को मनाने की कोशिश की थी।

हमने कहा सर आप भी हमारे साथ आइए: प्रफुल्ल पटेल
करीब 40 मिनट तक चली इस चर्चा का ब्योरा प्रफुल्ल पटेल ने मीडिया को बताया। उन्होंने कहा क‍ि शरद पवार हमारे भगवान हैं। अजित पवार, छगन भुजबल, सुनील तटकरे, धनंजय मुंडे, हसन मुश्रीफ, दिलीप वलसे पाटिल और अन्य सभी मंत्री शरद पवार का आशीर्वाद लेने के लिए बिना समय मांगे वाईबी चव्हाण केंद्र आए थे। पता चला कि पवार साहब एक मीटिंग के सिलसिले में वाईबी चव्हाण सेंटर आये थे। फिर हमने मौका पाकर उनसे मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया।

अज‍ित पवार गुट के प्रस्‍ताव पर कुछ नहीं बोले शरद पवार
प्रफुल्ल पटेल ने कहा क‍ि साथ ही हमने उनसे अनुरोध किया, हम उनका सम्मान करते हैं लेकिन उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए कि एनसीपी कैसे एकजुट रह सकती है और भविष्य में राजनीति के बारे में हमारा मार्गदर्शन भी कर सकती है। उन्होंने हमारी बात सुनी। प्रफुल्ल पटेल ने कहा क‍ि हमारे प्रस्ताव पर उन्‍होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। साथ ही कल से राज्य विधानमंडल का सत्र भी शुरू हो रहा है। प्रफुल्ल पटेल ने यह भी कहा कि अजित पवार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल अपना काम जोर-शोर से शुरू करेगा।

शरद पवार ने अज‍ित गुट के प्रस्ताव को खारिज कर दिया
कहा जा रहा है कि शरद पवार ने बिना कोई जवाब दिए ‘दादा गुट’ के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। पवार ने आधे घंटे से ज्यादा समय से चल रही बैठक खत्म करने की चेतावनी दी। दिए गए प्रस्ताव पर पवार कोई जवाब नहीं देते देख दादा गुट के मंत्रियों ने भी दोबारा बैठक की। शरद पवार ने दादा के समर्थक विधायकों से पहले ही कह दिया था कि वह बीजेपी के साथ नहीं जाना चाहते हैं। आज भी चर्चा है कि पवार ने बिना कोई जवाब दिए दादा के मंत्रियों का प्रस्ताव ठुकरा दिया है।

सूत्रों का कहना है कि अगर शरद पवार मान जाते हैं तो केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में सुप्रिया सुले का मंत्री बनने का रास्ता साफ हो सकता है।
इस मामले पर जयंत पाटिल का कहना है कि मुझे सुप्रिया सुले का फोन आया। उन्होंने मुझे वाईबी चाव्हाण सेंटर जल्द से जल्द पहुंचने को कहा है। मुझे नहीं पता कि अजित पवार और अन्य विधायक यहां क्या करने आए हैं। जब जयंत पाटिल को सुप्रिया सुले ने फोन किया तब वो संयुक्त विपक्ष की बैठक में थे। फोन आते ही वो तुरंत यशवंतराव चव्हाण सेंटर के लिए रवाना हो गए।

अजित गुट के मंत्रियों को मिला ये विभाग
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए एनसीपी नेताओं के विभागों का बंटवारा हो चुका है।अजित पवार को वित्त और नियोजन मंत्रालय दिया गया है। मंत्रालय मिलते ही अजित पवार ने दफ्तर पहुंचकर चार्ज भी ले लिया। इससे पहले वित्त मंत्रालय देवेंद्र फडणवीस के पास था, छगन भुजबल को खाद्य-आपूर्ति, दिलीप वलसे पाटिल को सहकारिता, हसन मुश्रीफ को मेडिकल-एजुकेशन का जिम्मा सौंपा गया है। अदिति तटकरे को महिला-बाल विकास और धनंजय मुंडे को कृषि मंत्रालय मिला है। अजित पवार के साथ एनसीपी के 9 नेताओं ने मंत्री के तौर पर शपथ ली थी।

बता दें कि शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार की शुक्रवार को दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हाथ से संबंधित सर्जरी की गई है। प्रतिभा पवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उनसे मिलने के लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के आधिकारिक आवास ‘सिल्वर ओक’ गए थे।
अपने चाचा के खिलाफ बगावत करने के बाद अजित पवार पहली बार ‘सिल्वर ओक’ गए। अजित पवार राकांपा में बगावत करने के बाद 2 जुलाई को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार अपनी चाची प्रतिभा के करीबी माने जाते हैं।
साल 2019 में प्रतिभा पवार ने ही कथित तौर पर उन्हें राकांपा में वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा चुनाव के बाद अल्पकालिक सरकार बनाई थी। राकांपा नेताओं के बीच वह ‘काकी’ के नाम से मशहूर हैं। प्रतिभा पवार को पार्टी में अभिभावक के रूप में सम्मान दिया जाता है, लेकिन वह कभी भी राजनीति में सक्रिय नहीं रही हैं।

रविवार को विधानमंडल के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर सह्याद्रि गेस्ट हाउस में चाय पार्टी का आयोजन किया गया.