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अदालत ने रद्द किया दुष्कर्म का मामला: छह महीने तक समाजसेवा करो..रेप आरोपी और पीड़िता के लिए कोर्ट का निर्देश

मुंबई: बांबे हाईकोर्ट ने इस शर्त पर दुष्कर्म के मामले को रद्द किया है कि मामले से जुड़ा आरोपी व पीड़िता (शिकायतकर्ता) छह महीने तक समाजसेवा करेंगे। पीड़िता ने कोर्ट में दावा किया था कि उसने गुस्से व गलतफहमी के चलते आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अब हमने आपसी सहमति से मामले को सुलझा लिया है। इसलिए यदि आरोपी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द किया जाता है, तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।
आरोपी व पीड़िता शादी के लिए एक दूसरे से मिले थे। यह मुलाकात दोस्ती में बदल गई और इस बीच आरोपी ने पीड़िता के साथ संबंध भी बनाए। किंतु कुछ समय बाद पीड़िता को एहसास हुआ कि आरोपी की संगत उसके लिए अनुकूल नहीं है। ऐसे में दोनों का विवाह करना उचित नहीं होगा। इसलिए पीड़िता ने आरोपी से कहा कि वह अपने रिश्ते को आगे जारी रखने की इच्छुक नहीं है। लेकिन आरोपी ने पीड़िता की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरे उसके घरवालों को दिखा दी। इससे नाराज होकर पीडिता आरोपी के खिलाफ फरवरी 2022 में पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)एन, 354, 354डी, 504 व 506 के तहत मामला दर्ज किया था। लेकिन अब आरोपी व पीड़िता ने आपसी सहमति से मामले को सुलझा लिया है। इसलिए आरोपी ने मामला रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने आरोपी के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द कर तो दिया है, परन्तु आरोपी को 6 माह तक हर दूसरे व चौथे शनिवार को मुंबई के चेंबूर स्थित बाल वेलफेयर चिल्ड्रिन ट्रस्ट में सेवा देने को कहा। जबकि पीड़िता (शिकायतकर्ता) को इसी तरह गोराई स्थित मरुघल संस्था में 6 माह तक सेवा देने को कहा और इसका प्रमाणपत्र कोर्ट में पेश करने को कहा गया है।