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अमरावती के एसीपी ने पुणे में पत्नी और भतीजे की हत्या के बाद खुद को मारी गोली! मचा हड़कंप

पुणे: महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अपनी पत्नी और भतीजे को गोली मार दी. उसके बाद खुद की जान भी ले ली. गोली मारने की वजह अभी सामने नहीं आई है. लेकिन सोमवार तड़के बालेवाड़ी में हुई इस सनसनीखेज घटना से पुणे शहर और पुलिस महकमे में खलबली मच गई है. घटना के बाद पूरा इलाका और पुलिस महकमा सकते में आ गया है. अब पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अमरावती के सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) भरत शेखा गायकवाड (57) ने सोमवार तड़के निजी पिस्तौल से पहले पत्नी मोनी भरत गायकवाड (44, निवासी बालेवाडी, पुणे) को गोली मार दी. जब उनके भतीजे दीपक गायकवाड (35, निवासी नर्हे, पुणे) ने गोली की आवाज सुनी तो वह दौड़कर ऊपर के कमरे में पहुंचा. जब तक उसे कुछ समझ में आता तब तक पुलिस अधिकारी ने उसकी भी जान ले ली. लेकिन भरत गायकवाड़ यहीं नहीं रुके. अपनी पत्नी और भतीजे की जान लेने के बाद उन्होंने कमरा बंद किया और खुद को भी गोली मार ली! इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में तीनों की मौत हो गई है. अब पुणे पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है. तीन लोगों की मौत के पीछे कारण क्या है? एसीपी ने ये खौफनाक कदम क्यों उठाया, पुलिस हर पहलू को खंगाल रही है.

भतीजा आया था मिलने, गोली लगने से हुई मौत!
बताया जा रहा है कि एसीपी भरत गायकवाड का भतीजा दीपक रविवार रात ही उनसे मिलने घर आया था. वह पेशे से वकील था और पुणे के शिवाजी नगर न्यायालय में वकालत कर रहा था. रविवार रात खाना खाने के बाद सभी लोग सो गए थे. भरत और उनकी पत्नी अपने कमरे में सो रहे थे. बेटा, भतीजा, दादी और सास अलग-अलग जगह सो रहे थे. तड़के करीब सवा तीन बजे अचानक गोली चलने की आवाज से सबकी नींद खुली तो दीपक भरत के कमरे की ओर भागा. दरवाज़ा बजाया, लेकिन दरवाज़ा अंदर से बंद था. खटखटाने के बाद भी दरवाज़ा नहीं खुला तब भरत का बेटा दूसरी चाबी लाया और दरवाज़ा खोला. दरवाजा खुलते ही भरत ने गोली चला दी. यह गोली दीपक को लगी और वह गिर पड़ा. कमरे में गायकवाड की पत्नी मोनी की लाश पड़ी थी. बेटे सुहास ने आनन-फानन में इसकी सूचना स्थानीय थाना पुलिस को दी. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस आनन-फानन में तीनों को नजदीकी ज्यूपिटर अस्पताल ले गई, लेकिन डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया. घटना में लाइसेंसी रिवॉल्वर इस्तेमाल हुई या कोई दूसरी, इसकी भी जांच पुलिस कर रही है.

बता दें कि भरत गायकवाड़ अमरावती शहर के राजापेठ डिवीजन के एसीपी थे. हाल ही वह सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर से प्रमोशन होकर एसीपी बने थे और अमरावती में उनकी पोस्टिंग हुई थी.