ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहर ‘मुंबई के राजा’ के दर्शन के लिए उमड़ी गणेश भक्तों की भारी भीड़! 7th September 20228th September 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this आकर्षण का केंद्र बना गणेश गल्ली में बना काशी विश्वनाथ मंदिर… मुंबई,(राजेश जायसवाल): दक्षिण मुंबई के लालबाग स्थित ‘लालबाग सार्वजनिक उत्सव मंडल’ इस वर्ष 95वां गणेशोत्सव मना रहा है। गणेश गल्ली का गणपति के नाम से मशहूर इस मंडल में इस वर्ष ‘गणपति बप्पा’ की प्रतिमा बहुत ही सुंदर और मनमोहक है। ‘मुंबईचा राजा’ कहे जाने वाले गणेशजी भगवान विश्वकर्मा के अवतार में नज़र आ रहे हैं, उनके एक हाथ में पेंटिंग ब्रश तो दूसरे हाथ में हथौड़ी और स्केल है और वह अपने शाही अंदाज में सिंहासन पर विराजमान हैं। भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मांड का वास्तुकार कहा जाता है। सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा वास्तुदेव एवं अंगिरसी के पुत्र हैं। उन्होंने सतयुग में स्वर्गलोक का निर्माण किया तो त्रेता युग में लंका का, द्वापर में द्वारका और कलियुग के आरंभ से पूर्व हस्तिनापुर और इंद्रप्रस्थ का निर्माण किया। माना जाता है कि द्वारका नगरी को भगवान विश्वकर्मा ने एक रात में ही बना दिया था! पुरी में जगन्नाथ मंदिर में स्थित विशाल मूर्तियों का निर्माण भी उन्होंने किया। प्राचीन काल में जितनी भी राजधानियां थीं…सभी भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाईं। भगवान विश्वकर्मा ने ही देवी-देवताओं के सारे शस्त्र बनाए। मां दुर्गा के शस्त्रों का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने ही किया। पुष्पक विमान भी उनके द्वारा बनाया गया। भगवान इंद्र के वज्र के साथ भगवान श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र का निर्माण भी उन्होंने किया। इसलिए विश्वकर्मा को हिन्दू धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों के अनुसार, निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सोने की लंका का निर्माण इन्होंने ही किया था। भारतीय संस्कृति और पुराणों में भगवान विश्वकर्मा को यंत्रों का अधिष्ठाता और देवता माना गया है। उन्हें हिन्दू संस्कृति में यंत्रों का देव माना जाता है। बता दें कि गणेशगल्ली मुंबई शहर का सबसे पुराना गणपति मंडल है। इस मंडल की स्थापना 1928 में हुई थी। इस वर्ष मंडल का 95वां वर्ष है। इस मंडल की ख़ास बात यह है कि यहां हर साल भारत में नामचीन तीर्थ स्थलों, पर्यटन स्थलों और अन्य देव स्थानों की थीम पर नए सेट तैयार किये जाते हैं। इनमें राजस्थान का हवामहल, गुजरात का अक्षरधाम, मदुरै का मीनाक्षी मंदिर, हिमालय-केदारनाथ मंदिर, अयोध्या का राम मंदिर जैसे कई प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल शामिल हैं। इस साल गणेश भक्तों के लिए मंडल ने बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण किया है, जो लोगों का खूब आकर्षित कर रहा है। यहाँ की सजावट देखते ही बनती है। लोग सेल्फी और फोटो लेते नज़र आ रहे हैं। मंडल के अध्यक्ष किरण तावड़े बताते है कि हमारे सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता ‘बप्पा’ के दर्शन को आने वाले भक्तों का विशेष ध्यान रखते हैं। जिससे वे सहूलियत और सम्मान के साथ दर्शन लाभ ले सकें। यहां आपको दर्शकों के साथ धक्का-मुक्की देखने को नहीं मिलेगा। हम लोग गणेश उत्सव से पहले कार्यकर्ता को ट्रेनिंग देते हैं कि पंडाल में आने वालों से कैसे अच्छा व्यवहार करें। श्री तावड़े के मुताबिक, यहां हर दिन करीब दो-ढाई लाख भाविक बड़े आराम के साथ लाइन में लगकर दर्शन लाभ लेते हैं। 31 अगस्त गणेश चतुर्थी से शुरू हुए गणेशोत्सव पर्व का आखिरी दिन 9 सितंबर यानी अनंत चतुर्दशी को हो रहा है इसलिए इस दिन ‘गणपति बप्पा’ विसर्जित किए जाएंगे। अनंत चतुर्दशी के दिन ‘मुंबई के राजा’ का विसर्जन जुलूस सुबह 8 बजे गणेश गल्ली इलाके से शुरू होता है। इनकी खासियत यह है कि गणेश गल्ली के ‘राजा’ सबसे पहले मुंबई से विसर्जन के लिए निकलते हैं। Post Views: 171