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उद्धव गुट ने पार्टी का नाम व चुनाव चिन्ह देने में EC पर लगाया पक्षपात का आरोप, लिखा पत्र

मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट की तकरार खत्म नहीं हो रही है। अब उद्धव गुट ने चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा पार्टी के चुनाव चिन्ह और नाम के आवंटन में पक्षपात का आरोप लगाया है।
उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न देने में अपने साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगाया है, जबकि इस संबंध में चुनाव आयोग का अंतरिम आदेश आने के बाद उद्धव गुट ने नाम और चुनाव चिह्न दोनों को लेकर संतोष व्यक्त किया था।
अपने वकील विवेक सिंह के जरिए चुनाव आयोग को लिखे पत्र में उद्धव ठाकरे ने 12 बिंदुओं के जरिए आयोग पर भेदभाव का आरोप लगाया है। 10 अक्टूबर को आए चुनाव आयोग के अंतरिम फैसले में शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को ‘मशाल’ चुनाव चिह्न व ‘शिवसेना उद्धव बालासाहब ठाकरे’ नाम दिया था। जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चुनाव चिह्न ‘ढाल से लगी दो तलवारें’ व पार्टी का नाम ‘बालासाहबबांचे शिवसेना’ (बालासाहेब की शिवसेना) दिया है।
उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को भेजे अपने पत्र में आरोप लगाया है कि शिंदे गुट की पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न घोषित होने से पहले ही आयोग ने मेरे (उद्धव के) चुनाव चिह्न व नाम अपनी वेबसाइट पर डाल दिए थे। इससे शिंदे गुट को नकल करने का अवसर मिल गया। यही कारण है कि ठाकरे गुट के नाम और चुनाव चिह्न में से ही शिंदे गुट ने अपने नाम और चुनाव चिह्न को चुना।
उद्धव ने यह आरोप भी लगाया है कि बाद में चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर डाले गए उद्धव गुट के नाम और चिह्न को हटा लिया और शिंदे गुट की ओर भेजा गया कोई भी सुझाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड ही नहीं किया गया। उद्धव गुट चुनाव आयोग के इस व्यवहार को शिंदे गुट की गुट की तरफ पक्षपात मान रहा है। शिंदे गुट ने अंधेरी (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव से पहले दोनों गुटों के चुनाव चिह्न व नाम पर फैसला करने का आग्रह किया था।
इस पत्र में मुंबई की पूर्वी अंधेरी सीट पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव के पहले शिवसेना के दोनों गुटों के प्रति चुनाव आयोग के अलग-अलग व्यवहार पर कई सवाल उठाए गए हैं।