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काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर होगा ‘मुंबा देवी’ मंदिर का पुनर्विकास: सीएम शिंदे

मुंबई: वाराणसी के ‘काशी विश्वनाथ मंदिर’ की तर्ज पर मुंबई के भूलेश्वर स्थित मुंबा देवी मंदिर क्षेत्र का पुनर्विकास किया जाएगा। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने इसके लिए मुंबा देवी मंदिर विकास प्राधिकरण की स्थापना करने का भी आश्वासन दिया है।

मुख्यमंत्री शिंदे ने गुरुवार को रामनवमी के अवसर पर मुंबा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुंबा देवी एक प्राचीन मंदिर है और हर किसी की इस मंदिर के प्रति आस्था, विश्वास और प्रेम है। लाखों भक्त मुंबा देवी मंदिर क्षेत्र में आते हैं।
मुंबई के लोगों की मांग है कि काशी विश्वनाथ मंदिर और महाकाल मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर तीर्थस्थलों का विकास किया जाए। इस क्षेत्र में आवश्यक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार इस दिशा में हर संभव प्रयास करेगी।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, सांसद राहुल शेवाले, पूर्व मंत्री राज के. पुरोहित समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

जानें- मंदिर के बारे में…
मुंबा देवी मंदिर मुंबई के भूलेश्वर में स्थित है। मुंबई का नाम ही कोली जाती के लोगों की देवी मुंबा आई यानि मुंबा माता के नाम से निकला है। यहां इनकी बहुत मान्यता है। बताया जाता है कि यह मंदिर लगभग 400 वर्ष पुराना है। मुंबई आरंभ में मछुआरों की बस्ती थी। उन्हें यहां कोली कहते थे। कोली लोगों ने यहां बोरी बंदर में तब मुंबा देवी के मंदिर की स्थापना की। मुंबा देवी की कृपा से उन्हें कभी सागर ने नुकसान नहीं पहुंचाया।
यह मंदिर अपने मूल स्थान पर 1737 में बना था, ठीक उस स्थान पर जहां आज विक्टोरिया टर्मिनस इमारत है। बाद में अंग्रेजों के शासन में मंदिर को मरीन लाइन्स-पूर्व क्षेत्र में बाजार के बीच स्थापित किया। तब मंदिर के तीन ओर एक बड़ा तालाब था, जो अब पाट दिया गया है। इस मंदिर की भूमि पांडु सेठ ने दान में दी थी, व मंदिर की देखरेख भी उन्हीं का परिवार करता था। बाद में मुंबई उच्च न्यायालय के आदेशा्नुसार मंदिर के न्यास की स्थापना की गई। अब भी मंदिर न्यास यहां की देखरेख करता है।