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कैदियों की रिहाई को लेकर NHRC ने महाराष्ट्र सरकार को भेजा नोटिस

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य की जेलों के प्रमुखों को नोटिस भेजा है। कोविड-19 महामारी को देखते हुए जेल से कैदियों को रिहा करने पर शीर्ष कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या करने को लेकर आयोग ने नोटिस भेजा है। जेल निगरानी से जुड़े आयोग के सदस्य माजा दारुवाला ने इसकी शिकायत की थी। आयोग की ओर से जारी एक बयान में कहा है, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने शिकायत पर संज्ञान लिया है। शिकायत में कहा गया है कि महाराष्ट्र की सरकार ने कैदियो की रिहाई के संबंध में सही रुख नहीं अपनाया है। इससे कई कैदी कोविड-19 की चपेट में आ सकते हैं। जेलों में भीड़ कम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने जो नीति अपनाई है वह सवालों के घेरे में है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में दिए गए दिशा-निर्देश की गलत व्याख्या की वजह से यह हुआ है। आर्थर रोड जेल में 144 कैदियों की जांच हुई जिनमें 26 कर्मचारियों समेत 103 पॉजिटिव पाए गए।

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की जेलों में बंद 35 हजार कैदियों में से 17 हजार को पैरोल पर रिहा करने का फैसला लिया है। इनमें 5000 विचाराधीन कैदी तो रिहा भी किए जा चुके हैं। सरकार ने यह कदम कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए उठाया है। राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख कहा कि यह फैसला ऐसे वक्त में लिया जा रहा है जब मुंबई के आर्थर रोड जेल में 103 कैदी संक्रमित पाए गए हैं। इससे पहले राज्य सरकार द्वारा नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मरीजों को देखते हुए राज्य की जेलों में भीड़भाड़ कम करने के लिए करीब 50 फीसदी कैदियों को अस्थायी तौर पर रिहा करने का फैसला लिया था।