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कोरोना के खिलाफ जंग में ‘उत्तर भारतीय संघ’ का सराहनीय कदम

मुंबई में लाचार, बेबसों के लिए सहारा बना उत्तर भारतीय संघ…

मुंबई: कोरोना के खिलाफ जंग में उत्तर भारतीय समाज भी सरकार के साथ पूरी मजबूती से कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हैं। कोरोना की इस लड़ाई में बीकेसी स्थित उत्तर भारतीय संघ की इमारत बहुत ही उपयोगी साबित हो रही है। बीएमसी इस इमारत का उपयोग बेघरों के बसेरे के तौर पर कर रही है। यहां ठहराए गए लोगों में वे भी शामिल हैं, जो गांव जाने के लिए लोकमान्य टर्मिनस पर ट्रेन पकड़ने के लिए आए थे, लेकिन ट्रेन बंद होने के चलते टर्मिनस पर ही अटक गए थे। कुर्ला एल वार्ड के सहायक आयुक्त मनीष वालुंजे ने टर्मिनस पर अटके लोगों को उत्तर भारतीय संघ में पहुंचा दिया। इसके अलावा कई ऐसे लोग भी हैं, जिनका कोई आसरा इस शहर में नहीं है। उन्हें भी यहीं ठहराया गया है। कॉलेज की इमारत का उपयोग बीएमसी कोरंटाइन सेंटर के लिए कर रही है।
गौरतलब है कि गत दिनों उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष व भाजपा के विधायक आरएन सिंह ने खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मनपा आयुक्त प्रवीण परदेशी को पत्र लिखकर संघ की इमारत को होम कोरंटाइन (एकांतवास) हेतु देने की पहल की थी। सिंह ने अपने पत्र में लिखा था कि वहां पर जिन लोगों को कोरंटाइन किया जाएगा, उनके भोजन-पानी की सभी साधन-सुविधा संघ ही मुहैया कराएगा। श्री सिंह के इस प्रस्ताव को बीएमसी आयुक्त परदेशी ने स्वीकार कर लिया, लेकिन वे संघ के हॉल का उपयोग बेघरों के लिए आसरा देने के तौर पर करना चाहते थे। इस पर संघ के अध्यक्ष ने तत्काल अपनी सहमति दे दी। सिंह ने कमिश्नर को यहां तक कहा कि वे चाहे तो संघ के कॉलेज इमारत का कोरंटाइन के लिए उपयोग कर सकते हैं। सिंह ने आश्वस्त किया कि कोरोना वायरस से लड़ी जा रही इस लड़ाई में उत्तर भारतीय समाज और यह संघ हर तरह की मदद करने के लिए तैयार है। कॉलेज की इमारत के दूसरे, तीसरे, और छठे मंजिल का उपयोग कोरंटाइन सेंटर के तौर पर किया जा रहा है। आरएन सिंह के इस पहल की उत्तर भारतीय समाज काफी सराहना कर रहा है।