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ठाणे के डोम्बिवली में 50 साल पुरानी 4 मंजिला इमारत गिरी, दो लोगों की दर्दनाक मौत!

ठाणे: ठाणे जिले के डोम्बिवली इलाके में शुक्रवार को चार मंजिला एक रिहायशी इमारत गिरने के बाद दो लोगों की मौत हो गयी और एक महिला को मलबे से जीवित निकाला गया.
नगर निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि प्राधिकारियों ने पहले ही इमारत को ‘जर्जर और खतरनाक’ घोषित किया हुआ था. उन्होंने बताया कि कल्याण-डोंबिवली महापालिका (KDMC) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले आयरे गांव में स्थित ‘आदिनारायण भवन’ शाम को ढह गई. इमारत में कुल 44 मकान थे और इसका कुछ हिस्सा गिरने के बाद, बृहस्पतिवार से ही इसे खाली कराया जा रहा था.

नगर निकाय अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार (15 सितंबर) शाम करीब 5 बजकर 40 मिनट पर इमारत गिर गई, जिसके बाद खोज और बचाव दलों ने कुछ समय बाद मलबे से सूरज बिरजा लोद्या (55) का शव निकाला.

ठाणे नगर निगम के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख यासीन तडवी ने बताया कि रात करीब सवा 9 बजे 54 वर्षीय दीप्ति सुनील लोद्या को मलबे से जीवित निकाला गया और उसे एक नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्होंने बताया कि बाद में मलबे से अरविंद भटकर (70) नामक एक व्यक्ति का शव भी निकाला गया. तडवी ने बताया कि बचाव अभियान जारी है क्योंकि एक और व्यक्ति के मलबे में दबे होने की आशंका है.

इमारत को खतरनाक घोषित किया गया था
केडीएमसी प्रमुख भाऊसाहेब दांगडे ने बताया कि ऐसी जानकारी है कि दो लोग बीमार थे और उनके मलबे में फंसे होने की आशंका थी, जबकि बाकी अन्य निवासियों को बाहर निकाल लिया गया था. दांगडे ने पत्रकारों से कहा कि 50 वर्ष पुरानी इमारत को खतरनाक घोषित किया गया था और इसमें रहने वाले लोगों को एक नोटिस जारी कर इमारत खाली करने के लिए कहा गया था. कई लोगों ने इमारत खाली कर दी थी लेकिन कुछ इमारत में लौट आए थे. उन्होंने बताया कि इमारत का कुछ हिस्सा गिर रहा था और बृहस्पतिवार शाम को इसे खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की गई. इमारत ढहने के वक्त भी यह प्रक्रिया चल रही थी.

मौके पर तलाश और बचाव अभियान जारी
एक अन्य अधिकारी ने कहा, यह एक अवैध इमारत थी और केडीएमसी ने पहले ही इसे खतरनाक करार दिया था. उन्होंने कहा, शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, मलबे में एक महिला के दबे होने की आशंका है. उन्होंने बताया कि दांगडे और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में दमकलकर्मी और स्थानीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के सदस्यों द्वारा राहत और बचाव अभियान चलाया गया. घटनास्थल पर नगर निकाय के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि वार्ड में 40 इमारतें थीं, जिन्हें खतरनाक घोषित किया गया था. जबकि केडीएमसी की सीमा के तहत विभिन्न श्रेणियों में ऐसी 602 इमारतें हैं. ऐसी इमारतों पर नगर निकाय की कार्रवाई पर एक सवाल के जवाब में दांगडे ने कहा कि अभी घटनास्थल पर तलाश और बचाव अभियान चलाना प्राथमिकता है.