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नवाब मलिक की गिरफ्तारी के विरोध में महाविकास अघाड़ी का प्रदर्शन, BJP ने की इस्तीफे की मांग

3 मार्च तक ईडी की हिरासत में रहेंगे मलिक!

मुंबई: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी (MVA) के कैबिनेट मंत्री और विधायक नवाब मलिक की गिरफ्तारी के खिलाफ गुरूवार को धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
बता दें कि धन-शोधन के एक मामले में गिरफ्तार एनसीपी नेता नवाब मलिक रातभर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में थे।
ईडी ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्यमंत्री नवाब मलिक को धन-शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद मलिक को धन-शोधन मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें तीन मार्च तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया।
मलिक को धन-शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) से संबद्ध मामलों की सुनवाई करने वाले विशेष न्यायाधीश आर एन रोकड़े के अदालत कक्ष में पेश किया गया। न्यायाधीश ने उन्हें मामले में आगे की जांच के लिए तीन मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी का कहना है कि यह जांच, भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम, उसके सहयोगियों आौर मुंबई अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों से संबंधित है।
इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता मलिक (62) से दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट इलाके में ईडी के दफ्तर में करीब छह घंटे तक पूछताछ की गई।
वहीँ महाराष्ट्र सरकार के मंत्री बृहस्पतिवार सुबह दक्षिण मुंबई स्थित मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मंत्रालय के नजदीक लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना स्थल पर सबसे पहले उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ही पहुंचे।
राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात, जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल, आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार, गृहराज्य मंत्री सतेज बंटी पाटिल और पर्यटन राज्य मंत्री अदिति तटकरे भी प्रदर्शन में शामिल हुए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सांसद सुप्रिया सुले और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर भी इस दौरान मौजूद रहीं।
राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि केन्द्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को खामोश करने के लिए किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा, यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है और देश के इतिहास का एक काला अध्याय है।
राकांपा की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने कहा कि नवाब मलिक के खिलाफ लगे आरोप ‘बेबुनियाद’ हैं। उन्होंने कहा कि मलिक के ऊपर आतंकवाद के संबंध में लगे सभी आरोपों का जवाब अदालत में देंगे। उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को सत्ता से बाहर करने का प्रयास अभी तक सफल नहीं हुआ है। मंत्रिमंडल सदस्य के खिलाफ यह कार्रवाई इसी का एक हिस्सा है। इसके बाद 25 फरवरी से तीनों एमवीए दलों के कार्यकर्ता राज्यभर में मोर्चा निकालेंगे।

उधर, भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के इस्तीफ़े की मांग को लेकर पुणे में विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है। महाराष्ट्र भाजपा प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रही है। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग की है।

क्या है पूरा मामला?
नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने अंडरवर्ल्ड से जमीन खरीदी है। उन पर मनी लांड्रिंग के आरोप लगे हैं। नवाब मलिक पर आरोप है कि उनके और उनके परिवार से जुड़ी एक कंपनी है एसआईपीएल जिसने 2007 में मुंबई के कुर्ला इलाके में एक जमीन खरीदी। 2.8 एकड़ की जमीन 55 लाख में खरीदी गई जबकि उस समय मार्केट रेट 3.5 से 4 करोड़ रुपए था।
यह जमीन सलीम पटेल और सरदार वली खान से खरीदी गई। जमीन सौदे में नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक के साइन भी थे। फराज मलिक 2003 से 2019 तक SIPL कंपनी के निदेशक थे जबकि उनके दूसरे बेटे 2003 से अभी तक कंपनी के निदेशक है। नवाब मलिक की पत्नी और नवाब मलिक खुद इस कंपनी के निदेशक रह चुके हैं।
बताया जा रहा है कि जिन सलीम पटेल और सरदार वाली खान से नवाब मलिक ने जमीन खरीदी, वह अंडरवर्ल्ड के करीबी है। सलीम पटेल दाऊद की बहन हसीना पारकर का करीबी है जबकि सरदार वाली खान 1993 बम धमाकों का दोषी है और उम्र कैद की सजा काट रहा है। जब नवाब मलिक ने जमीन खरीदी उस समय सलीम पटेल और सरदार वाली खान पर ‘टाडा के तहत केस चल रहा था और ‘टाडा’ के आरोपियों से जमीन सरकार अपने कब्जे में लेती है। अब सवाल उठता है कि क्या नवाब मलिक ने जमीन को बचाने के लिए खरीदा था?