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मुंबई महानगरपालिका चुनाव 2022: 2 मार्च तक साफ़ हो जाएगी 236 वार्डो की नई बाउंड्री

मुंबई: मुंबई महानगरपालिका (BMC) के वार्डों की संरचना की सही तस्वीर 2 मार्च तक साफ हो जाएगी। मनपा के बढ़े हुए 9 वार्डो से मुंबई में बने कुल 236 की तय की गई बाउंड्री पर लोगों के शिकायत और सुझाव पर सुनवाई बुधवार को पूरी हो गई। मनपा द्वारा तैयार की गई 236 वार्डो की नई बाउंड्री पर 816 लोगों ने शिकायत की थी। शिकायत पर मंगलवार से सुनवाई शुरू हुई जो बुधवार को खत्म हो गई।
मुंबई मनपा के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि आखिरी दिन 505 लोगों को उनकी शिकायत की जानकारी के लिए बुलाया गया था जिसमें से 335 लोग सुनवाई के दौरान सहभागी हुए थे। जबकि मंगलवार को हुई सुनवाई में 300 से अधिक लोगों को बुलाया गया था। जिसमें 290 शिकायतकर्ता अपनी बात रखने के लिए सहभागी हुए थे।
काकानी ने कहा कि अब 26 तारीख तक मनपा को लोगों की शिकायतों पर अपनी रिपोर्ट राज्य चुनाव आयोग को देना है। उसके बाद राज्य चुनाव आयोग के निर्देश पर जिन वार्डो की बाउंड्री में कुछ फेरबदल करने का निर्देश होगा उसमें फेरबदल किया जायेगा। उसके बाद 2 मार्च तक नए वार्डों के परसीमन की बाउंड्री तय हो जाएगी।
बता दें कि मुंबई में वार्डों के परसीमन की प्रक्रिया पूरी होते ही चुनावी हलचल तेज हो जाएगी और वार्डों के जाति आरक्षण की प्रकिया लॉटरी द्वारा की जाएगी। वार्ड आरक्षण की लॉटरी होने के बाद किसी भी समय मुंबई मनपा चुनाव की तारीख की घोषणा हो जाएगी। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो मुंबई मनपा चुनाव अप्रैल महीने के तीसरे सप्ताह में होना तय है।

यहां बता दें कि अब तक मुंबई महानगरपालिका में 227 सीटें थी जिससे बहुमत के लिए 114 नगरसेवकों की जरुरत होती थी। परन्तु अब राज्य मंत्रिमंडल ने 9 सीटें बढ़ाने की मंजूरी दी है। जिससे नगरसेवकों की संख्या बढ़कर 236 हो जाएगी। अब बहुमत के लिए 119 नगरसेवकों की जरुरत होगी। मुंबई मनपा चुनाव में महाविकास आघाड़ी के घटक दल भले ही अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे, लेकिन चुनाव बाद सभी दल एक हो जाएंगे। शिवसेना महानगरपालिका में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सत्ता से दूर रह जाएगी। इसलिए पार्टी का ध्यान अकेले दम पर बहुमत हासिल करना है।
वर्ष 2017 के पहले तक भाजपा मुंबई महानगरपालिका का चुनाव शिवसेना के साथ मिलकर निश्चित सीटों पर लड़ रही थी। वर्ष 2017 में पहली बार अकेले दम पर मैदान में उतरी भाजपा को कुल 227 सीटों में से 82 पर जीत हासिल हुई थी, जो शिवसेना से महज 2 सीट ही कम थी। बेजीपी खुद का महापौर बनाने के लिए प्रयासरत थी, लेकिन राज्य में महायुति की सरकार होने की वजह से तत्कालीन सीएम देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर पार्टी ने अपना कदम पीछे ले लिया था। अब 2022 के मुंबई महानगरपालिका पर कब्जा जमाने के लिए पार्टी पूरी जोर लगाएगी।