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फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाडी’ के खिलाफ दायर सभी याचिकाएं खारिज

मुंबई: बांबे हाईकोर्ट ने फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाडी’ से संबंधित तीन याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है। शुक्रवार को रिलीज होने जा रही संजय लीला भंसाली की फिल्म से कमाठीपुरा, काठियावाडी और चीन जैसे शब्दों को हटाने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की गईं थीं लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। एक याचिका स्थानीय विधायक अमीन पटेल की ओर से दाखिल की गई थी जिसमें उन्होंने बदनामी का हवाला देते हुए काठियावाडी और कमाठीपुरा शब्द फिल्म से हटाने की मांग की थी। विधायक का दावा था कि इससे काठियावाडी समाज के लोगों और मुंबई के कमाठीपुरा में रहने वालों लोगों को लेकर लोगों के मन में गलत धारणाएं पैदा होंगी।
मुख्य न्यायधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक की खंडपीठ ने विधायक पटेल के साथ हितेन मेहता नाम के एक व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। इसके अलावा कमाठीपुरा में रहने वाली श्रद्धा सुर्वे ने भी स्थानीय लोगों की ओर से एक याचिका दायर की थी। तीनों याचिकाओं में आलिया भट्ट, अजय देवगन अभिनीत फिल्म से कुछ शब्दों को हटाने या बदलने की मांग की गई थी। सुर्वे के वकील योगेश नायडू ने बुधवार को अदालत में दलील दी कि फिल्म में कमाठीपुरा नाम का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे वहां रहने वालों की बदनामी होगी। पटेल की ओर से उनकी वकील ध्रुति कपाड़िया ने दावा किया कि कमाठीपुरा और काठियावाडी शब्दों का फिल्म में जिस तरह इस्तेमाल किया गया है उससे संबंधित समाज और रहिवासियों की भावनाएं आहत हो रहीं हैं। इस मामले में बड़ी संख्या में लोगों ने विधायक पटेल को पत्र लिखा है। इसके अलावा मेहता ने अपनी याचिका में फिल्म से आलिया भट्ट द्वारा इस्तेमाल किए गए ‘चीन’ शब्द को हटाने की मांग की थी।
फिल्म के निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली की ओर से उनके वकील रवी कदम ने कहा कि याचिकाएं सही नहीं हैं क्योंकि फिल्म के जरिए किसी को बदनाम करने का कोई इरादा नहीं है। फिल्म में चीन शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि डेंटिस्ट चीन का है और 1950 में कई चीनी डेंटिस्ट उस इलाके में काम करते थे। फिल्म में ‘अस्वीकरण’ (डिसक्लेमर) है जिसमें यह कहा गया है कि ‘यह फिल्म किसी की भावना को आहत नहीं करना चाहती।’ उन्होंने फिल्म रिलीज होने से ठीक पहले दायर हुई याचिकाओं को लेकर सवाल उठाएं। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने याचिकाएं खारिज कर दीं।