ब्रेकिंग न्यूज़

नहीं रहीं मशहूर गायिका वाणी जयराम; 19 भाषाओं में गाए 10 हजार से अधिक गाने

इसी साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हुईं थीं सम्मानित…

चेन्नई: भारतीय संगीत जगत से एक बेहद दुःखद खबर सामने आ रही है। दक्षिण की मशहूर पार्श्व गायिका वाणी जयराम का 78 साल की उम्र में निधन हो गया है। वह चेन्नई स्थित अपने घर पर मृत पाई गई। हाल ही में उन्होंने अपने सिंगिंग करियर के 50 साल पूरे किए थे। 19 भाषाओं में उन्होंने दस हजार से अधिक गाने गाए थे। गणतंत्र दिवस पूर्व संध्या पर उनका नाम पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित होने वाले सदस्यों में भी शामिल था। उनके निधन से संगीत की दुनिया में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। संगीत के क्षेत्र में उम्दा प्रदर्शन के लिए वाणी को 3 बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है।

मौत का कारण स्पष्ट नहीं?
वाणी जयराम की मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। बताया जा रहा है कि उनके माथे पर चोट के निशान मिले हैं। उन्हें कुछ दिन पहले चोट लगी थी और तभी से वह बीमार चल रही थी। फिलहाल, पुलिस ने उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह चेन्नई के नुंगमबक्कम इलाके में स्थित अपार्टमेंट में अकेली रहती थीं।

मेरे तो गिरधर गोपाल के लिए मिला फिल्मफेयर
जयराम वाणी ने बॉलीवुड को भी कई बेहतरीन गाने दिए हैं। साल 1980 में वाणी को फिल्म ‘मीरा’ के, मेरे तो गिरधर गोपाल…गाने के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। गुड्‌डी फिल्म में उनका गाया बोले रे पपीहरा…गीत भी काफी मशहूर हुआ। इसके अलावा साल 1991 में उन्हें संगीत पीठ सम्मान से भी नवाजा, वाणी ये सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की सिंगर थीं। तब उनकी उम्र 46 साल थी।
वाणी ने एमएस इलैयाराजा, आरडी बर्मन, केवी महादेवन, ओपी नैय्यर और मदन मोहन जैसे दिग्गज कंपोजर के साथ काम किया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्म स्वपनम से की थी।