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पीएम मोदी ने किया ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखने का आह्वान

मुंबई: कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार के मुद्दे पर 11 मार्च को बहुचर्चित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ प्रदर्शित हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बीजेपी की संसदीय समिति की बैठक में ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की चर्चा की और इसे देखने का आह्वान किया. यह फिल्म जम्मू-कश्मीर से विस्थापित होने पर मजबूर किए गए कश्मीरी पंडितों के तकलीफों पर बनी है. उन्होंने इस फिल्म की भरपूर तारीफ करते हुए बैठक में उपस्थित सांसदों और नेताओं को फिल्म देखने की सलाह भी दी.
प्रधानमंत्री ने इस फिल्म का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की फिल्में और बननी चाहिए. सत्य सभी स्वरुपों में बाहर आना चाहिए. जो सच दशकों तक दबाकर रखा गया है, वो सच्चाई इस फिल्म में सामने आई है. जिनको लगता है कि यह सच नहीं है वे दूसरी फिल्म बना सकते हैं. किसने रोका है?
वहीँ दूसरी ओर एनसीपी चीफ पवार की बेटी और महाराष्ट्र से सांसद सुप्रिया सुले ने लोकसभा में मोदी सरकार से सवाल किया कि सात सालों की सत्ता में उन्होंने विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए क्या किया है?
सुप्रिया सुले ने संसद में बोलते हुए कहा, अगर कोई बच्चा कुपोषित रह जाता है, तो एक मां उसके साथ क्या करती है? सात सालों तक उसे अच्छा खाना-पीना देगी और उसे स्वस्थ बनाएगी. मेरा बच्चा कुपोषित है, यह चीख पुकार करती हुई भटकेगी नहीं.

सुप्रिया सुले ने पूछा- बजट में विस्थापित पंडितों के लिए क्या?
सांसद सुले ने सवाल किया कि बजट में जम्मू-कश्मीर के लिए अलग से क्या प्रावधान किया गया है? विस्थापित कश्मीरी पंडितों की दशा सुधारने के लिए कौन से नए कार्यक्रम हैं? पिछले 60 सालों में जो हुआ सो हुआ, अगले और कितने सालों तक यही दोहराया जाता रहेगा. अब तक वे यह सुन-सुन कर थक गई हैं. लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के बजट पर चर्चा करते हुए सुप्रिया सुले ने ये सवाल उठाए.
आपको भी सत्ता में आए 7 साल हो चुके, कितने कमाल कर चुके?
सुप्रिया सुले ने आगे कहा कि अगर आपको कश्मीरी पंडितों की हालत की इतनी ही चिंता है तो उनसे जुड़ी योजनाओं को बजट में शामिल करें. उनकी बेहतरी के लिए अलग से कोई योजना लाएं. हमेशा पिछले 60 साल में उनके साथ कितना अत्याचार हुआ, यह कहने की जरूरत नहीं है. आपको भी सत्ता में आए सात साल हो चुके हैं. जो हुआ वो अब छोड़ दीजिए. आप क्यों नहीं उनकी मदद कर रहे हैं?
सुप्रिया सुले ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने कश्मीरी लोगों के लिए हजारों नौकरियां देने का आश्वासन दिया था. इस बारे में जमीन पर कुछ भी नहीं हुआ. सुले ने यह भी सवाल किया कि केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद हकीकत में क्या बदलाव हुए, यह जानने की जरूरत है. सांसद सुले ने जम्मू-कश्मीर की जीडीपी और कर्जे के हालात को चिंताजनक बताया और वहां स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को भी असफल बताया.
प्रधानमंत्री फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के प्रचारक बन गए हैं!
‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म बहुत अच्छी है। फिल्म पर विवाद नहीं है। 32 सालों तक कश्मीरी पंडितों की वेदनाएं जो सामने नहीं आईं, अब आईं हैं। फिल्म पर हो रही राजनीति पर विवाद है। जिस तरह से बीजेपी लोगों को फिल्म दिखाने के लिए थिएटर्स पर लाने की कोशिश कर रही है। खुद पीएम मोदी फिल्म के प्रचारक बने बैठे हैं। इसकी वजह समझने वाली है।
समाज में खाई पैदा करने वाली फिल्म है ‘द कश्मीर फाइल्स’
पीएम मोदी के इस बयान के उलट महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने इस फिल्म को समाज में खाई पैदा करने वाला बताया है. वे बीजेपी द्वारा इसे टैक्स फ्री किए जाने की मांग पर जवाब दे रहे थे. मुंबई भाजपा अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढा ने महाराष्ट्र विधानसभा में ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को अन्य राज्यों की तरह महाराष्ट्र में भी टैक्स फ्री करने की उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री अजित पवार से मांग की थी.
बता दें कि मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा, त्रिपुरा जैसे राज्यों में यह टैक्स फ्री हो चुकी है. इसका जवाब देते हुए गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने विधानसभा में कहा कि इस सिनेमा के माध्यम से जो ज्यादा से ज्यादा लोगों को थिएटरों में खींचकर लाने की कोशिश की जा रही है, इससे दो समुदायों में तनाव पैदा होगा और सांप्रदायिकता का माहौल बनेगा. आज ‘द कश्मीर फाइल्स’ के जवाब में झुंड सिनेमा मुफ्त में दिखाया जा रहा है. इन सबसे राज्य में लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े हालात खराब करने की कोशिशें शुरू हैं.