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बांद्रा भीड़ को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार, विनय दुबे को मिली जमानत

(फाइल फोटो)

मुंबई: पिछले पखवाड़े ट्रेन चालू होने की अफवाहों के चलते बांद्रा स्टेशन के बाहर अचानक हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी। इस भीड़ को भड़काने का आरोप ‘महापंचायत’ संस्था के अध्यक्ष विनय दुबे पर लगा था। पुलिस ने देर रात दुबे को गिरफ्तार कर लिया था। मंगलवार को बांद्रा की मेट्रोपाॅलिटन कोर्ट ने विनय दुबे को जमानत दे दी है। आरोपी के वकील दीपक मिश्रा ने बताया कि विनय दुबे को 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर बेल दी गई है।
बता दें कि लॉकडाउन के पहले चरण के अंतिम दिन 14 अप्रैल को बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास एकत्र हो गए थे। उन्होंने अपने गांव जाने जाने के लिए ट्रेनों की मांग की थी। उसी दिन सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी। पुलिस ने दावा किया कि विनय दुबे के विडियो और फेसबुक पोस्ट ने प्रवासियों को उकसाया था, क्योंकि उन्हें एक विडियो में यह कहते हुए सुना गया था कि सरकार को प्रवासी मजदूरों के लिए 18 अप्रैल तक ट्रेनें चलानी चाहिए या उन्हें आंदोलन या रैली शुरू करनी होगी।
दुबे पर भारतीय दंड संहिता तथा महामारी रोग अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए। दुबे के वकील मिश्रा ने दावा किया कि दुबे पर आरोप लगाने में पुलिस ने गलती की। उन्होंने कहा, दुबे ने विडियो में कहा था कि आंदोलन 18 अप्रैल से शुरू होगा। हालांकि, प्रवासी 14 अप्रैल को ही इकट्ठा हो गए। इसलिए मेरे मुवक्किल को इसके लिए कैसे दोषी ठहराया जा सकता है? उन्होंने अदालत से यह भी कहा कि पुलिस और राज्य सरकार की विफलता के कारण लॉकडाउन के बावजूद प्रवासी इतनी बड़ी संख्या में स्टेशन पर इकट्ठा हुए थे।