उत्तर प्रदेश

बाईक की आरती उतारकर पेट्रोल-डीजल के मूल्य मे वृद्धि का विरोध

नेटवर्क महानगर

वाराणसी , 14 सितम्बर। पेट्रोल-डीजल के दरों मे बेलगाम वृद्धि के फलस्वरूप पूरे देश मे विरोध-प्रदर्शन व सरकार की हठधर्मिता से नाराज लोगो ने सामाजिक संस्था सुबह-ए-बनारस क्लब के बैनर तले संस्था के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल के नेतृत्व मे पूर्वाचल की सबसे बड़ी खाद्य मंडी विशेश्वरगंज मे ठेला गाड़ी पर बाईक को रखकर महंगे पेट्रोल के वजह से लोगो के जेब पर भारी पड़ रहे बाईक की आरती उतारते हुए ईश्वर से यह कामना किया कि वह केन्द्र सरकार को सदबुद्धि दे कि वह पेट्रोल-डीजल पर ज्यादा एक्साइज ड्यूटी लगाकर अकूत कोष अर्जित करने का लालच छोड़कर अपने द्वारा किए गए एक देश एक टैक्स के वादों को ध्यान मे रखते हुए पेट्रोल-डीजल को भी जी० एस० टी० के दायरे मे लेआए, जिसके कारण महंगे पेट्रोल-डीजल की मार झेल रही जनता को महंगे पेट्रोल-डीजल की वजह से बिगड़ रहे बजट से निजात मिल सके।उपरोक्त अवसर पर बोलते हुए संस्था के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल ने कहा कि 2014 के चुनाव के पहले विपक्ष का रोल निभानेवाली वर्तमान सरकार पूर्ववर्ती सरकार के शासन मे जब पेट्रोल-ङीजल महंगा हुआ था,तब उसे चुनावी मुद्दा बनाकर पूरे जोश-खरोश के साथ नाना प्रकार से विरोध-प्रदर्शन करते हुए सरकार को घेरने का काम की थी, जो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। बड़ा ही हास्यास्पद व चिन्तनीय विषय है कि वर्तमान सरकार उन दिनो को भूलते हुए वर्तमान समय मे जनता से सीधे जुड़े इस मुद्दे पर किस तरह से अपनी आखें मूंद चुकी है। ज्ञात हो कि हमारे पड़ोसी देशो मे हमसे कम मूल्य पर पेट्रोल व डीजल बिक रहे है।

जायसवाल ने कहा कि जिस प्रकार से डीजल के मूल्य मे अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुयी है, उसका असर ढुलाई भाड़ा मे होने वाली वृद्धि की वजह से बाजारो मे दिखने लगा है, जहॉ अब महंगाई ने भी आवश्यक वस्तुओ मे अपना असर डालना शुरू कर दिया है। अन्त मे सभी वक्ताओ ने केन्द्र सरकार से पुरजोर ढंग से पेट्रो पदार्थ पर भी जी० एस० टी० लगाने की मॉग किया कार्यक्रम मे मुख्य रुप से, मुकेश जायसवाल, कोषाध्यक्ष नन्द कुमार टोपीवाले, चन्दशेखर चौधरी, अनिल केशरी, प्रदीप गुप्ता, सुनील अहमद खान, डा० मनोज यादव, विष्णु शर्मा, बल्लभ अग्रवाल, पंकज पाठक, नत्थूलाल सोनकर, संजू विश्वकर्मा, अभिषेक विश्वकर्मा, सुरेश सेठ, विजय जायसवाल, रामजी रस्तोगी, विकाश जायसवाल आदि लोग शामील थे।