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बिहार में नीतीश ने किया खेला! राज्‍यपाल से मिलकर सौंपा 164 विधायकों का समर्थन पत्र, बनेंगे महागठबंधन के नए सीएम

पटना: बिहार की राजनीति देश को प्रभावित करती है। बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव हुआ है। यहां नीतीश ने बड़ा खेला कर दिया है। एनडीए की सरकार मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के इस्‍तीफा देने के साथ गिर गई है। बिहार की राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्‍यपाल से मुलाकात कर अपना इस्‍तीफा सौंप दिया है। राज्‍यपाल फागु चौहान ने उनका इस्‍तीफा स्‍वीकार कर लिया है। इसके बाद उन्‍होंने कहा कि एनडीए छोड़ने का फैसला पार्टी का है। अब आगे वे महागठबंधन की नई सरकार बनाएंगे। इसके पहले जनता दल यूनाइटेड के अध्‍यक्ष ललन सिंह तथा जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू के नए गठबंधन में जाने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद नीतीश कुमार ने तेजस्‍वी यादव के साथ राज्‍यपाल से फिर मिलकर महागठबंधन की नई सरकार बनाने के लिए 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है। नीतीश कुमार एवं तेजस्‍वी यादव एक ही गाड़ी में राजभवन पहुंचे। उनके काफिले में जीतन राम मांझी व ललन सिंह सहित महागठबंधन के कई नेता हैं। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्‍त चरण दास भी राजभवन पहुंचे। नीतीश कुमार ने महागठबंधन की सरकार बनाने के लिए 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा। राजभवन के बाहर महागठबंधन समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।
इस बीच बड़ी खबर यह है कि महागठबंधन की नई नीतीश सरकार में दो उपमुख्‍यमंत्री रहेंगे। इनमें आरजेडी से तेजस्‍वी यादव का नाम तय है। खास बात यह है कि नीतीश कुमार आठवीं बार बिहार के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं। यह अपने आप में एक रिकार्ड है। इस रिकार्ड के साथ और भी कई रिकार्ड और अनोखी चीजें जुड़ी हैं। केवल पांच चुनाव जीतकर ही नीतीश कुमार आठवीं बार मुख्‍यमंत्री बनने जा रहे हैं।

भाजपा ने नीतीश कुमार को कहा धोखेबाज
भारतीय जनता पार्टी की ओर से एक प्रेस कांफ्रेंस कर जदयू के फैसले को बिहार की जनता और भाजपा के साथ धोखा बताया गया है। भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि भाजपा ने बड़ी पार्टी होने के बावजूद नीतीश कुमार को मुख्‍यमंत्री बनाया। इसके बावजूद उन्‍होंने ऐसा फैसला क्‍यों लिया, ये वहीं बताएंगे। बिहार की जनता इसे स्‍वीकार नहीं करेगी। प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व उपमुख्‍यमंत्री तार किशोर प्रसाद, मंगल पांडेय, राम सूरत कुमार आदि भी थे।