उत्तर प्रदेश

बुलंदशहर हिंसा : जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिया गया आरोपी जीतू

बुलंदशहर हिंसा की घटना में कथित रूप से संलिप्त आरोपी जीतू फौजी को शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर में हिरासत में ले लिया गया। सेना सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को सोपोर में 22 राष्ट्रीय राइफल्स द्वारा हिरासत में लिया गया है। उधर, उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) उसे हिरासत में लेने के लिए जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हुआ है। इस मामले में आरोपी फौजी जीतू के भाई ने कहा है कि उन्हें (जीतू को) साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। वहीं सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि अगर जीतू के खिलाफ सबूत होगा, तो उसे पुलिस के सामने पेश किया जाएगा। उधर, बुलंदशहर हिंसा को लेकर जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद वहां के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित तीन पुलिस अधिकारियों को हटा दिया गया है।  इस घटना के एक आरोपी जीतू के परिजन इस बात से इनकार कर रहे हैं कि जीतू किसी भी तरह से सुबोध ही हत्या में शामिल रहे हैं। जीतू के भाई धर्मेंद्र मलिक का कहना है, ‘मेरे भाई को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। वह इन्स्पेक्टर की हत्या में शामिल नहीं रहा है। मेरे पास पर्याप्त सबूत हैं कि मेरा भाई उस समय उस जगह पर मौजूद ही नहीं था, जहां यह घटना हुई।’ 

जीतू पर हिंसा, आगजनी और हत्या का आरोप 
यूपी आईजी (क्राइम) एस. के. भगत ने कहा कि जीतू का नाम स्याना में हिंसा, आगजनी और हत्या के सिलसिले में लिखी गई मूल FIR में आरोपी के तौर पर शामिल है। मूल एफआईआर में जीतू का जिक्र आरोपी नंबर 11 के तौर पर है और उसका नाम जीतू फौजी पुत्र राजपाल सिंह लिखा हुआ है। मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, ‘जीतू का नाम एफआईआर में दर्ज है और उसे पकड़ने के लिए टीमें जम्‍मू भेज दी गई है। वह 27 नामजद लोगों में से एक है। अन्‍य पुलिस अधिकारियों ने भी जीतू के पुलिस इंस्‍पेक्‍टर की हत्‍या में सीधे शामिल होने के दावे को खारिज कर दिया है। 

इज्तिमा पर बोले बुलंदशहर के डीएम : 
बुलंदशहर में आयोजित इज्तिमा के बारे में जिलाधिकारी ने बताया, ‘1, 2 और 3 दिसंबर को भी इज्तेमा होना था। 1 दिसंबर को ही भीड़ बढ़ जाने के चलते नोटिस जारी किया गया। बढ़ती भीड़ को देखते हए 2 दिसंबर को भी एक नोटिस जारी किया गआ। 2 लाख लोगों के कार्यक्रम का परमिट लिया गया था लेकिन वहां 10 लाख से ज्यादा लोग थे।’ 
शहीद के परिवार को पुलिस की तरफ से 11 लाख की मदद :

बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इन्स्पेक्टर सुबोध सिंह के परिवार की मदद के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथ बढ़ाया है। शनिवार को अलीगढ़ पुलिस हेडक्वॉर्टर में शहीद सुबोध की पत्नी और दोनों बेटे यहां पहुंचे थे। पुलिस विभाग की ओर से सुबोध के परिवार को 11 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई और भविष्य में किसी भी तरह की मदद का वादा किया गया। 

एसएसपी समेत 3 का तबादला :
केबी सिंह को हटाकर प्रभाकर चौधरी को बुलंदशहर का नया एसएसपी बनाया गया है। केबी सिंह को डीजीपी ऑफिस से अटैच किया किया गया है। इसके अलावा स्याना के डीएसपी सत्य प्रकाश शर्मा और चिंगरावटी के चौकी प्रभारी सुरेश कुमार को सीएम के आदेश पर हटा दिया गया। सत्य प्रकाश को मुरादाबाद के पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में ट्रांसफर कर दिया गया है जबकि सुरेश कुमार का ट्रांसफर ललितपुर कर दिया गया है। इन पर पथराव के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध को छोड़कर भागने का आरोप है। गौरतलब है कि बुलंदशहर में कथित तौर पर गोहत्या की खबरों के बाद स्थानीय लोगों ने थाने के बाहर रोड को जाम कर दिया था और ट्रॉली में जानवरों के शव लादकर ले आए थे। भीड़ को हटवाने के लिए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह और उनकी टीम ने उन्हें समझाने-बुझाने की कोशिश की। बताया गया कि लोग एक बार शांत हो गए थे लेकिन बजरंग दल नेता योगेश राज और अन्य के उकसाने पर भीड़ हिंसक हो गई। 

दो लोगों की हुई थी मौत :
इसी दौरान एक स्थानीय युवक संदीप को गोली लग गई। इसी घटना में इन्स्पेक्टर सुबोध को भी गोली लग गई और बाद में दोनों की ही मौत हो गई। घटना में बजरंग दल नेता योगेश राज और जीतू फौजी समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया है। योगेश राज अभी भी फरार है और उसने एक विडियो जारी करके कहा था कि वह निर्दोष है। दूसरी तरफ घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है और कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।