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भांडुप अग्निकांड: CM उद्धव बोले- हॉस्पिटल नहीं, नीचे चल रही दुकानों में लगी थी आग; 5-5 लाख मुआवजे का ऐलान

मुंबई: मुंबई भांडुप इलाके में स्थित ड्रीम मॉल में मौजूद सनराइज अस्पताल में शुक्रवार रात 12 बजे भीषण आग लग गई. कुल 23 अग्निशमन दल आग बुझाने की कोशिश में लगे थे. अब तक इस अग्निकांड में 10 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं. शुक्रवार दोपहर सीएम उद्धव ठाकरे भी घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मामले का जायजा लिया.
सीएम ठाकरे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोविड अस्पताल का स्ट्रक्चरल ऑडिट जरूरी होता है. यह आग अस्पताल में नहीं लगी है बल्कि यह निचली मंजिल की दुकानों में लगी थी और वहां से फैलते-फैलते ऊपर पहुंच गयी. अस्पताल में भी अग्निशमन के लिए पर्याप्त साधन नहीं थे. इस मामले में दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी. मृतकों के परिवार वालों के लिए 5-5 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया गया है. उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में 10 लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है.
आग लगने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, यह आग पहले पहली मंजिल में लगी इसके बाद भड़ककर ऊपरी मंजिल तक पहुंच गई, जहां सनराइज अस्पताल है, जहां कोरोना रोगियों का इलाज हो रहा है. यहां से 76 कोरोना संक्रमितों को निकाल कर कोरोना सेंटर भेजा जा चुका है.
मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले और इससे पहले महापौर किशोरी पेडणेकर घटनास्थल पर पहुंचीं और उन्होंने आग के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई के संकेत दिए. लेकिन आश्चर्य की बात यह कि उन्होंने कहा कि वे जीवन में पहली बार ऐसा सुन रही हैं कि किसी मॉल में अस्पताल भी काम कर रहा है. यानी उन्हें ड्रीम मॉल में ‘सनराइज अस्पताल’ के होने की जानकारी ही नहीं थी!

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार, केस दर्ज होगा
पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद कहा कि आग फैलने के लिए पूरी तरह से अस्पताल प्रशासन की तरफ से की गई लापरवाही जिम्मेदार है. उन्होंने अस्पताल के प्रबंधकों के खिलाफ गुनाह दर्ज करने का संकेत दिया है. घटनास्थल पर विधानपरिषद के नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर, मुंबई के संरक्षक मंत्री अस्लम शेख ने भी कहा है कि अस्पताल चलाने के लिए कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन नहीं किया गया है.

31 मार्च तक अस्पताल चलाने की इजाजत थी
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, कोरोना के संकट को ध्यान में रखते हुए अस्पताल चलाने की इजाजत दी गई थी. मॉल में अस्पताल चलाने के लिए दी गई ओसी 31 मार्च तक वैध थी. लेकिन अस्पताल प्रशासन ने अग्नि सुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया. वहीँ राज ठाकरे की पार्टी मनसे के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने आरोप लगाया है कि पैसों की उगाही के लिए मॉल में अस्पताल चलाने की ओसी दी गई थी.