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महाराष्ट्र: कोरोना संकट के बीच होगा विधानसभा का मानसून सत्र

विधायक ने की आदिवासी क्षेत्र इगतपुरी में विधानसभा का सत्र बुलाने के मांग

मुंबई: कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन में जन-जीवन के साथ सब कुछ रुक गया था। धीरे-धीरे व्यवस्था पटरी पर लौटने की कोशिश कर रही है। अब देश की संसद से लेकर राज्यों के विधानमंडलों में मॉनसून सत्र भी आयोजित होने हैं। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायक हीरामन खोसकर ने मांग की है कि इस बार विधानसभा सत्र आदिवासी क्षेत्र इगतपुरी में आयोजित हो। उनका कहना है कि इगतपुरी कोरोना वायरस से मुक्त है, ऐसे में यह जगह उपयुक्त है।
कांग्रेस के हीरामन खोसकर नासिक जिले की इगतपुरी विधानसभा से ही विधायक हैं। उन्होंने उद्धव सरकार से मांग की है कि विधानमंडल का मॉनसून सत्र उनके निर्वाचन क्षेत्र इगतपुरी में आयोजित किया जाए। उनका कहना है कि यह क्षेत्र कोरोना वायरस से मुक्त है।
गौरतलब है कि विधानसभा और विधानपरिषद का मॉनसून सत्र 22 जून से शुरू होने वाला है। हीरामन खोसकर ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झीरवाल को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा, यदि मांग मान ली जाती है तो यह पहली बार होगा कि विधानमंडल का सत्र राज्य के एक आदिवासी क्षेत्र में होगा।

विधायक हीरामन खोसकर ने लिखा- इस अवधि में आदिवासियों के मुद्दों का निराकरण होगा। इगतपुरी मुंबई के पास है और मुंबई-आगरा नैशनल हाइवे पर स्थित है। मुंबई-कसरा उपनगरीय स्थानीय क्षेत्र क्रियाशील है। इगतपुरी कसरा से 13 किलोमीटर दूर है। इगतपुरी में मंत्रियों और नौकरशाहों के ठहरने के लिए अच्छे रिसार्ट और होटल हैं।
खोसकर ने कहा कि उन्होंने अनुरोध किया है कि विधानमंडल और मंत्रालय अस्थायी रूप से मुंबई से इगतपुरी ट्रांसफर किए जाएं क्योंकि मुंबई में कोरोना वायरस महामारी का बड़ा प्रकोप है। उन्होंने कहा, मैं और विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झीरवाल समेत आदिवासी क्षेत्र के विधायक इस दिशा में प्रयास करेंगे।

कोरोना संकट के बीच होगा विधानसभा का मानसून सत्र
कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र कम अवधि के लिए ही सही लेकिन राज्य विधानसभा का मानसून सत्र आयोजित करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि पहले विधानसभा की बैठक करने और फिर उसके बाद 78 सदस्यीय परिषद की बैठक आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है।
विधानसभा में 288 सदस्य हैं। इसलिए सत्र विधानसभा इमारत में निर्धारित ‘निचले सदन’ की बजाय सेंट्रल हॉल में भी आयोजित किया जा सकता है ताकि विधायकों के बीच उचित सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जा सके।

9 जून को होगा अंतिम निर्णय
सेंट्रल हॉल काफी बड़ा है और सामान्य परिस्थितियों में दोनों सदनों के सदस्यों की संयुक्त बैठकें वहां होती हैं। सूत्र ने बताया कि सत्र की अवधि, तारीख आदि का निर्णय व्यवसाय सलाहकार समिति (बीएसी) नौ जून को होने वाली बैठक में लेगी। बीएसी में सरकार और विपक्ष दोनों के सदस्य शामिल हैं। इससे पहले मानसून सत्र 22 मई से शुरू होना था।