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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: वर्ली में लगा आदित्य ठाकरे का वोटरों को लुभाने वाला पोस्टर

मुंबई, (राजेश जायसवाल): २१ अक्टूबर को महाराष्ट्र में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मैदान में इस बार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी मैदान में हैं। पार्टी ने उन्हें वर्ली विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है। पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट करने की कोशिश में है। इस बीच आदित्य ठाकरे का वर्ली सीट पर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया गया है। आदित्य के चुनाव प्रचार के लिए पार्टी द्वारा अलग अंदाज अपनाया गया है। दरअसल वर्ली इलाके में आदित्य के प्रचार के लिए उनके जो होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए हैं उनमें अलग-अलग भाषाओं का इस्तेमाल कर अभिवादन किया गया है। इसमें गुजराती, मराठी, उर्दू, तमिल सहित अन्य भाषाओं का इस्तेमाल किया गया है। इस पोस्टर में गुजराती भाषा में इलाके का हालचाल पूछा गया है।

आदित्य ठाकरे के वर्ली से चुनाव लड़ने का खुलासा होने के बाद उनका चुनावी कैंपेन अनूठे अंदाज में शुरू किया गया है। वर्ली इलाके में लगे आदित्य के पोस्टर में गुजराती में ‘केम छो वर्ली’ लिखा गया है। हिन्दी में इसके मायने ‘कैसे हो वर्ली’ होता है। इस पोस्टर में गुलाबी कलर का बैक ग्राउंड रखा गया है, जिसमें सिर्फ आदित्य ठाकरे की ही तस्वीर है। वे पोस्टर में हाथ हिलाते दिखाई दे रहे हैं।

शिवसेना आदित्य को कर रही CM चेहरे की तरह प्रोजेक्ट
शिवसेना में ठाकरे परिवार के हाथ में ही सत्ता की चाबी रही है। अब शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे चुनावी मैदान में हैं। पार्टी उम्मीद कर रही है कि अगर भाजपा-शिवसेना गठबंधन सत्ता में आता है तो शिवसेना की ओर से सीएम चेहरा आदित्य ठाकरे हो सकते हैं। हाल ही में पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि शिवसेना का सीएम होगा।

भाजपा-शिवसेना गठबंधन पर लगी मुहर
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार भाजपा और शिवसेना के गठबंधन पर मुहर लग गई है। दोनों ही दलों ने साल 2014 की खटास को भूलते हुए इस बार साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि सीट बंटवारे को लेकर अब तक पूरी तरह से स्थिति साफ नहीं हो सकी है। लेकिन मंगलवार को भाजपा ने 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। बीजेपी ने 125 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया तो शिवसेना ने भी 124 सीटों की लिस्ट जारी कर दी। ऐसे में कांग्रेस-एनसीपी सहित क्षेत्रीय दलों को छोड़कर बीजेपी और शिवसेना में शामिल होने वाले नेताओं को दोनों पार्टियों ने निराश नहीं किया है।

दलबदलुओं को बंटे टिकट
विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी तादाद में कांग्रेस-एनसीपी और प्रकाश अंबेडकर की बहुजन विकास अघाड़ी पार्टी के विधायकों ने अपनी-अपनी पार्टी से नाता तोड़कर बीजेपी और शिवसेना का दामन थामा था। ऐसे में दोनों पार्टियों ने दल बदल करने वाले विधायक और नेताओं को निराश नहीं किया है।

NCP से बीजेपी में आने वाले विधायक
ऐरोली सीट से एनसीपी के विधायक संदीप नाइक, अकोले से विधायक वैभव पिचड़, सतारा से विधायक शिवेंद्र सिंह भोसले, तुलजापुर से विधायक राणा जगजीत सिंह, केज सीट से नमिता मुंदडा को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। ये सारे विधायक एनसीपी से नाता तोड़कर बीजेपी का दामन थामा था।

कांग्रेस से बीजेपी में आने वाले नेता
कांग्रेस से बीजेपी में आए विधायक कालीदास कोलम्बकर को वडाला, राधाकृष्ण विखे पाटिल को शिरडी, जयकुमार गोरे को माण सीट से, इंदापुर से हर्षवर्धन पाटिल और वाई सीट से मदन भोसले को पार्टी ने टिकट दिया है। 2014 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते शिरीश चौधरी को अमलनेर, महेश लांडगे को भोसरी, विनायक पाटिल को अहमदपुर से भाजपा उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, वंचित बहुजन आघाडी से बीजेपी में आए गोपीचंद पडलंकर को बारामती से टिकट दिया है। इसके अलावा नितेश राणे को भी बीजेपी टिकट दे सकती है।

शिवसेना में शामिल होने वाले नेताओं को टिकट
बीजेपी की तरह शिवसेना ने भी दूसरे दलों से आए नेताओं के साथ पूरी ईमानदारी बरती है। कांग्रेस से शिवसेना में शामिल होने वाले नेताओं को टिकट किया है। सिल्लोड सीट से विधायक अब्दुल सत्तार, इगतपुरी सीट से निर्मला गावाते और चंदगड सीस से संग्राम कुपेकर को शिवसेना ने टिकट दिया है। ऐसे ही एनसीपी से शिवसेना में शामिल होने वाले नेताओं की उम्मीद पर खरी उतरी है।
गुहानगर से भाष्कर जाधव को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा श्रीवर्धन सीट से एनसीपी के अवधूत तटकरे को शिवसेना टिकट दे सकती है। इसी तरह से बहुजन विकास आघाडी से शिवसेना मे आए विलास तरे को बोईसर सीट से टिकट दिया गया है।