ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य

महाराष्ट्र: सरकार पर सियासी संकटों की ख़बरों को लेकर, महाविकास अघाड़ी की अहम् बैठक, सरकार स्थिर!

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर और कांग्रेस नेता नाना पटोले ने राज्य में किसी भी राजनीतिक उठापटक की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति को लेकर इस समय मीडिया में जो भी बातें हो रही हैं, वैसा कुछ भी नहीं है। इस समय हम केवल कोरोना वायरस से लड़ने की दिशा में ही कार्य कर रहे हैं। हम भारत सरकार के सभी गाइडलाइन्स को फॉलो कर रहे हैं।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कोरोना सकंमण के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना राज्‍य सरकार के नियंत्रण से बाहर निकल चुका है। ऐसी स्थिति में महाराष्ट्र सरकार लॉकडाउन खोलने के तरीकों पर विचार नहीं कर पा रही है। इन सब खबरों के बीच कयास लगाये जा रहे थे कि राकांपा प्रमुख शरद पवार कोरोना की बिगड़ती स्थिति और लॉकडाउन न खोल पाने को लेकर नाराज थे। इस बीच मंगलवार को मातोश्री में उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई। कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने भी एक दिन पहले महाराष्ट्र में खुद को साइड प्‍लेयर बताते हुए कोरोना मामलों के बढ़ने की सारी जिम्‍मेदारी अकेले शिवसेना के सिर मढ दी थी, जिसके बाद कोरोना से निपटने के लिए शिवसेना ने बुधवार को तीन दलों की बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आधिकारिक निवास ‘वर्षा’ में महाअघाड़ी सहयोगियों की बैठक चली। सीएम उद्धव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से इस बैठक में हिस्सा लिया। ताबड़तोड़ बैठकें और सियासी दिग्गजों की हालिया मुलाकात से हर किसी के जेहन में यही सवाल उठ रहा है कि क्या एक बार फिर से उद्धव ठाकरे की सीएम की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है?

…तो पब्लिक पिटाई भी करेगी: पवार
एनसीपी चीफ शरद पवार ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा- बीजेपी और देवेद्र फड़णवीस इस वक्त सरकार को गिराने की कोशिश में लगे हुए हैं। फड़णवीस अपना धैर्य खो रहे हैं। लेकिन महाअघाड़ी सरकार को अभी कोई खतरा नहीं है। सभी विधायक हमारे साथ हैं। इस समय विधायकों को तोड़ने की कोशिश हुई तो पब्लिक पिटाई भी करेगी।

महाराष्ट्र सरकार स्थिर और मजबूत
उद्धव-राहुल के बीच फोन पर बात हुई। कल राहुल गाँधी ने मुख्यमंत्री उद्धव से बात की और आश्वस्त किया है कि कोरोना के संकटकाल में सरकार के साथ हैं। राहुल ने कल पल्ला झाड़ा था, जिसके बाद कई अटकलें लगने लगी थीं। राहुल ने कहा था कि महाराष्ट्र में कांग्रेस निर्णायक भूमिका में नहीं है।
वहीं कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि हमें विपक्ष से (कोरोना महामारी के संकट में) समर्थन की उम्मीद थी, लेकिन वह केवल सरकार को बदनाम कर रहे हैं। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में जो महाविकास अघाड़ी की सरकार है बिल्कुल स्थिर और मजबूत है।
महाविकास अघाड़ी की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना नेता और राज्य मंत्री अनिल परब ने कहा कि कल, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि केंद्र महाराष्ट्र सरकार को पूर्ण समर्थन दे रही है। यह कहकर उन्होंने लोगों को गुमराह किया है।
महाराष्‍ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि चर्चा में उद्धव ठाकरे के मार्गदर्शन में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और बालासाहेब थोरात, असलम शेख, वर्षा गायकवाड़ और जयंत पाटील मौजूद थे। राज्य में कोविड-19 का जो प्रभाव है उसे कैसे रोका जाए जाए इस पर चर्चा हुई। राज्य में डेथ रेट पहले सात प्रतिशत था आज घटकर 3.2% पर आ गया है। डिस्चार्ज रेड 25 से बढ़कर 40 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इसे और आगे बढ़ाना और डेथ रेट को कम करना, इसके ऊपर जो भी उपाय करने हैं उस पर भी चर्चा हुई। संक्रमण की बढ़ती हुई संख्या को ध्यान में रखते हुए बीकेसी में हजार बेड, नेस्को में हजार बेड और कई जगहों पर ऐसे कुल 14 हजार जगहों पर बेड की व्यवस्था मुंबई में की गई है। उसी तरह ऑक्सीजन और आईसीयू है, इन सब मुद्दों पर चर्चा हुई है। सरकार पर संकट को लेकर उन्होंने कहा, सरकार को लेकर जो बातें सामने आई हैं मुझे नहीं मालूम, आप लोग बताते हैं। इसमें सभी पार्टियों के नेता बैठक में शामिल थे। सरकार में कोई मतभेद नहीं है। सरकार के साथ आज 170 एमएलए हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में काम कर रहे हैं और सबसे बड़ा मुद्दा हमारे लिए लोगों की जान बचाना है। महाविकास अघाड़ी में कोई भेदभाव नहीं है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में जो महाविकास अघाड़ी की सरकार है बिल्कुल स्थिर और मजबूत है।

हम सरकार को गिराने की कोशिश नहीं कर रहे: फडणवीस
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, राज्य सरकार अभी भी केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई आर्थिक मदद भी खर्च नहीं कर पाई है। मैं यह समझ ही नहीं पा रहा हूं कि राज्य सरकार की प्राथमिकता क्या है, आज राज्य को सकारात्मक नेतृत्व चाहिए। मैं आशा करता हूं कि उद्धव ठाकरे उचित फैसले लेंगे। कोविड-19 की गंभीर स्थिति को देखते हुए हमारी राज्य की सरकार को बदलने में रुचि नहीं है। हम कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ रहे हैं और इसके लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं। हम सरकार को गिराने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, यह सरकार अपने बोझ से ही गिर जाएगी।

कोरोना पर महाराष्ट्र सरकार ने किया सबसे बेहतर काम: जयंत पाटिल
महाराष्‍ट्र सरकार के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि मुंबई में मनपा का काम विरोधियों को नहीं नजर आ रहा है। महाराष्ट्र की और मुंबई की परिस्थिति हाथ से निकल गई है, इस तरह का चित्र बना रहे हैं लेकिन महाराष्ट्र ने सबसे बेहतर काम किया है। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि अप्रैल तक डेढ़ लाख मरीज होंगे लेकिन सरकार ने बेहतर काम किया है इसलिए 10 हजार हुआ। टास्क फोर्स बनाया और सभी लोगों का सहयोग किया जा रहा है। 24 घंटे टीम काम कर रही है। अगर किसी की भी मृत्यु हुई उसकी वजह क्या है इस तरह ऑडिट करने के लिए हमारे पास टीम है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता से विनती है घबराइए मत। राज्य में 35 हजार के करीब मरीज है और डेथ रेट कम हुआ है। गुजरात से अच्छी परिस्थिति महाराष्ट्र की है। राज्य में हर रोज 13 हजार टेस्ट किया जा रहा है। वहीं अब तक 17 हजार से ज्यादा लोगों को डिस्चार्ज किया गया है। 10 हजार से ज्यादा बेड हमने नया तैयार किया है, अगर परिस्थिति खराब हुई तो हमारी तैयारी है। राज्य के 72 लैब में टेस्टिंग का काम हो रहा है।

महाराष्ट्र के दुश्मन हैं देवेंद्र फडणवीस: जयंत पाटिल
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र बचाव का आंदोलन बीजेपी कर रही है, जो सरकारी यंत्रणा काम कर रही है उनका जोश कम करने का काम किया है।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मजदूर चले गए हैं और यहां के लोग तुरंत उसकी भरपाई नहीं कर सकते हैं। मैं बताता हूं कि महाराष्ट्र के युवाओं में इतना स्किल है कि वो कर सकते हैं, जो स्किल इंडिया पीएम ने शुरू किया है क्या उनको उस पर यकीन है। उन्होंने कहा कि 7 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर गए, इस तरह से कहा गया, पहले 7 दिन लोगों ने टिकट खरीदा हमने सरकार की तरफ से टिकट का पैसा दिया है, हालांकि केंद्र सरकार ने कुछ नहीं दिया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फंड में पैसा मत दो, प्रधानमंत्री फंड में पैसा डालें। इस तरह की भावना रखने वाले देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के दुश्मन है, यही कहना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की तरफ से बताया गया कि राज्य को 10 लाख पीपीई किट 16 लाख मास्क दिए गए, जबकि हकीकत में 13 लाख तक मास्क दिए हैं। इसके अलावा 4021 वेंटिलेटर मांगे थे लेकिन जीरो मिला।