उत्तर प्रदेशदिल्लीराजनीतिशहर और राज्य

मायावती ने दी नए वर्ष की बधाई, नया वर्ष सभी के जीवन में खुशियां लाये…

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को लोगों को नववर्ष की बधाई दी और कामना की कि नया वर्ष लोगों के जीवन में खुशियां लाये।
मायावती ने बुधवार को जारी बयान में कहा, आज नववर्ष 2020 का पहला दिन है और इस मौके पर मैं महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, नारायणा गुरु, बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर एवं मान्यवर कांशीराम सहित अपने उन महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों को तहेदिल से नमन करती हूं जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी समतामूलक समाज-व्यवस्था बनाने में और धर्मनिरपेक्षता को मजबूत बनाने में समर्पित की है जिनके पदचिह्नों पर ही हमारी पार्टी चल रही है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि साथ ही कुदरत से यह भी कामना करती हूं कि इस बार का नववर्ष पिछले वर्ष की तरह अति-दुःखदायी व अति-कष्टदायी ना हो। मायावती ने कहा, इसके साथ ही आज मैं यह भी कहना जरूरी समझती हूं कुछ पार्टियों में बैठे ज़िम्मेवार लोगों को यह कतई नहीं भूलना चाहिए कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं।
उनकी अपनी जीवन-शैली, अपनी-अपनी संस्कृति व तौर-तरीके हैं। ऐसे में हमें उनके किसी भी मामले में दखल नहीं देना चाहिए अर्थात हमें यहां सभी धर्मों की संस्कृति व सभ्यता का पूरा-पूरा सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में विरोध करने का तरीका ऐसा होना चाहिए जिससे किसी भी धर्म को मानने वाले लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस ना पहुंचे और देश में अमन-चैन व सौहार्द का वातावरण बना रहे।

‘हिंदू’ नहीं बल्कि ‘भारतीय’ मानकर काम करे केंद्र सरकार
बसपा सुप्रीमो मायावती ने नए वर्ष की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई दी है साथ ही केंद्र सरकार से अपील की है कि वह 130 करोड़ जनता को हिंदू नहीं बल्कि भारतीय मानकर उनकी भलाई के लिए काम करे।
अपने जारी किए गए बयान में मायावती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण बीता वर्ष देश की जनता के लिए मुश्किल रहा है लेकिन युवा वर्ग द्वारा अपने मेहनत से आगामी वर्ष को बेहतर बनाने की कोशिश सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून, एनसीआर व एनपीआर के खिलाफ युवा जिस तरह सड़कों पर उतरे हैं। वह भाजपा के लिए नींदें उड़ाने वाला साबित हुआ है। मायावती ने कहा कि देश की 130 करोड़ जनता को हिंदू मानने की संकीर्ण सोच के कारण ही संविधान की मूल मानवतावादी भावना को नुकसान पहुंचा है। इसलिए जरूरी है कि केंद्र व राज्य सरकार देश की जनता को भारतीय मानकर उनकी भलाई के लिए काम करे।