महाराष्ट्रमुंबई शहर

मुंबई आतंकी हमले के शिकार रमेश बामणिया के परिजनों को 11 साल बाद मिला मुआवजा

अहमदाबाद: मुंबई में 26 नवंबर 2008 के दिन हुए आतंकी हमले में इस्तेमाल हुई गुजरात की कुबेर बोट के नाविक रमेश बामणिया के परिजनों को 11 साल बाद मुआवजा मिला है। गुजरात सरकार ने उनकी पत्नी को मुआवजे के तौर पर पांच लाख रुपए दिए है। मृतक रमेश बामणिया के परिजनो ने सरकार से जमीन और परिवार में से एक को सरकारी देने की भी गुहार लगाई है।
आतंकियों ने वर्ष 2008 में मुंबई में हमला करने से पहले समुद्र में मछली पकड़ रहे सौराष्ट्र के कुबेर बोट सहारा लिया था। आतंकवादियों ने कुबेर बोट का अपहरण कर लिया था और बोट में सवार पांच मछुआरों को मौत के घाट उतार दिया था। कुबेर बोट में से नाविक रमेश बामणिया का शव मिला था, जबकि बाकी के शवों का कोई पता नहीं चला था। इस हमले मे मारे गए मृतक रमेश बामणिया की पत्नी ने गुजरात सरकार से मुआवजा की मांग की थी। सालों तक सरकारी विभागों में मुआवजे के लिए चक्कर काटने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
गुजरात हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद गत 22 अक्टूबर के दिन गुजरात सरकार को नाविक रमेश बामणिया की विधवा को 5 लाख रुपये का आदेश दिया था। लेकिन राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि उनके पास फिलहाल फंड नहीं है। जिसके के बाद हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री के फंड में से यह राशि चुकाने के आदेश दिए। गीर-सोमनाथ के तहसील दार ने सोमवार को मृतक रमेश बामणिया की विधवा के नाम पांच लाख रुपये डिपोजिट कर दिया। हालाकि हाईकोर्ट में दायर याचिका में जमीन और सरकारी नौकरी की भी मांग की गई थी। इस संबंध में हाईकोर्ट ने 13 नबम्बर के दिन सुनवाई निर्धारित की है।