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मुंबई: एक महीने से फरार थे वधावन बंधू, यूरोप से बुलाए थे बॉडीगार्ड्स!

मुंबई: कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन में जिस वधावन परिवार को मिले वीपीआईपी पास को लेकर विवाद चल रहा है, वह परिवार अपने साथ खंडाला से महावलेश्वर तीन बॉडीगार्ड्स लेकर भी गया था। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि ये तीनों बॉडीगार्ड्स वधावन परिवार ने यूरोप से बुलाए थे, जहां कोरोना का इन दिनों सबसे ज्यादा खौफ है। खास बात यह भी है, जिन प्रिंसिपल सेक्रेटरी अमिताभ गुप्ता ने यह पास जारी किए, वह आईपीएस हैं, अडिशनल डीजी रैंक के अधिकारी हैं और उन्हें यह अच्छे से पता था कि यस बैंक वाले केस में वधावन परिवार के कुछ लोग ईडी और सीबीआई दोनों जांच एजेंसियों द्वारा वॉन्टेड भी हैं। फिर भी उन्होंने पुलिस पास के लिए जारी अपने लेटर में वधावन परिवार के लोगों को अपना ‘फैमिली फ्रैंड्स’ बताया। ‘फैमिली फ्रैंड्स’ वाले यह दो शब्द अमिताभ गुप्ता को सीबीआई और ईडी दोनों ही जांच एजेंसियों की भी जांच के घेरे में ला सकते हैं। फिलहाल महाराष्ट्र सरकार ने उनके खिलाफ जांच बैठाई है।
सूत्रों का कहना है कि यदि कोरोना बीमारी की वजह से सरकार व्यस्त नहीं होती, तो मार्च महीने में खत्म हुए विधानसभा अधिवेशन के बाद अमिताभ गुप्ता को नवी मुंबई या ठाणे में से किसी जगह पुलिस कमिश्नर की पोस्ट मिल सकती थी। अब उनका करियर ही दांव पर लग गया है।
लॉकडाउन में दिए गए वीपीआईपी पास के बाद सीबीआई ने शुक्रवार को बताया कि उसने 7 मार्च को यस बैंक विवाद में राणा कपूर के साथ कपिल वधावन, धीरज वधावन व कुछ अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। कपिल और धीरज वधावन जांच की शुरुआत से ही फरार थे। इसलिए सीबीआई ने 9 मार्च को दोनों ही आरोपियों के ठिकानों को सर्च किया। लेकिन दोनों ही आरोपी कहीं भी नहीं मिले। इसके बाद दोनों को सीआरपीसी के सेक्शन 41ए के तहत नोटिस भेजे गए। बावजूद इसके जब दोनों जांच में सहयोग के लिए नहीं आए, तो सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज के जरिए दोनों के खिलाफ 17 मार्च को गैर जमानती वाॅरंट जारी किया गया था। फिर भी दोनों न कोर्ट के सामने और न ही सीबीआई के सामने पेश हुए। लेकिन इन्हीं वॉन्टेड दोनों आरोपियों व इनसे जुड़े 21 अन्य लोगों को प्रिंसिपल सेक्रेटरी अमिताभ गुप्ता ने वीवीआईपी पास जारी कर दिए।