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मुंबई: गणेशोत्सव 2020 पर ‘कोरोना’ का साया, खुद नहीं कर सकेंगे बप्पा का विसर्जन!

मुंबई, (राजेश जायसवाल): इस साल गणेश चतुर्थी 22 अगस्त, शनिवार को है। इस दिन घर-घर में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाएगी और 10 दिनों तक गणपति की आराधना करने के पश्चात 1 सितंबर, मंगलवार को गणपति बप्पा को विसर्जित कर दिया जाएगा। उस दिन अनंत चतुर्दशी है।
कोरोना महामारी के कारण इस बार का गणेशोत्सव बिल्कुल अलग होने जा रहा है। भक्तों से अपील की जा रही है कि वे सार्वजनिक कार्यक्रम करने के बजाए अपने घरों में ही गणेशोत्सव मनाएं।
कोरोना काल के कारण इस बार सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे, मंदिरों में भी सीमित संख्या में भक्तों को फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दर्शन की अनुमति होगी। गणेशोत्सव में कोरोना महामारी का फैलाव न हो, इसके लिए हर प्रकार से सावधानियां बरती जा रही हैं। दादर, माहिम, धारावी में भीड़भाड़ रोकने के लिए मनपा के जी उत्तर विभाग की ओर से अभिनव प्रयोग किया जा रहा है। विभाग ने एक चलता-फिरता कृत्रिम तालाब बनाने का निर्णय लिया है। इसी तरह डी वार्ड के अंतर्गत आने वाले गिरगांव चौपाटी पर विसर्जन के लिए ज्यादा भीड़ जुटती हैं, वहां पर विसर्जन से पहले ऑनलाइन टाइम स्लॉट लेना होगा। जिसके लिए मोबाइल एप तैयार किया गया है।
कोरोना महामारी की वजह से सरकार ने गणेश विसर्जन पर निकलने वाली भीड़ को रोकने का सख्त निर्देश दिया है। आगमन-विसर्जन में जुलूस नहीं निकाला जा सकता है। मनपा ने सार्वजनिक मंडलों और घर में बैठाई जाने वाली गणेश मूर्तियों के लिए नियमावली तैयार की है।
बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष सात गुना अधिक कृत्रिम तालाब बना रही है। इस वर्ष 167 तालाब बनाए जाएंगे। डी वार्ड ने गिरगांव चौपाटी पर विसर्जन के लिए shreeganesh­visarjan.com बेबसाइट बनाई है जिस पर ऑनलाइन समय, स्थान, तारीख की बुकिंग पहले ही करनी होगी।

मुंबई में 12 हजार से अधिक सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल हैं और दो लाख से अधिक गणेश मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। मनपा उपायुक्त नरेंद्र बर्डे ने बताया कि कृत्रिम तालाबों के अलावा भीड़ को टालने के लिए जगह-जगह कलेक्शन सेंटर बनाए जाएंगे। वहां से मूर्तियों को इकठ्ठा कर उन्हें विसर्जित कर दिया जाएगा।
जोन तीन के उपायुक्त प्रदीप मसूरकर ने बताया कि पश्चिम उपनगरों में हर डेढ़ किमी परिसर में एक चलते फिरते तालाब की व्यवस्था की गई है। खासकर के पूर्व विभाग जहां कोरोना मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है, वहां विसर्जन के लिए चौक पर ही कृत्रिम तालाब खड़ा बनाया जाएगा। मसूरकर ने बताया कि उन्होंने इस बार अलग तरीका अपनाया है। क्षेत्र के सभी मूर्तिकारों और मूर्ति विक्रेताओं को पंपलेट छापकर दिया जाएगा। मूर्तिकार गणेश मूर्ति के साथ वह पंपलेट भी देगा। उसमें गूगल लिंक और क्यूआर कोड की जानकारी होगी। गूगल पर जाकर संबंधित भक्त को फार्म भरना होगा। गणपति कितने दिन हैं, किस तारीख को विसर्जित करना है, यह भरने पर सबसे नजदीकी कृत्रिम तालाब अथवा मोबाइल तालाब की जानकारी मिल जाएगी।

खुद नहीं कर सकेंगे बप्पा का विसर्जन
इस बार गणेश विसर्जन के लिए लोग समुद्र अथवा कृत्रिम तालाबों में खुद गणेश मूर्तियों को विसर्जित नहीं कर पाएंगे। एक और दो किलोमीटर के भीतर ही लोगों को मनपा के बनाए गए सेंटर पर गणेश मूर्तियां देनी होगी। कोई खुद से विसर्जन नहीं कर सकेगा। मनपा समुद्र, अथवा कृत्रिम तालाब क्षेत्रों में लोगों की भीड़ न उमड़े, इसके लिए लोगों से गणेश मूर्तियां लेकर उसका विसर्जन करेगी।

बता दें कि कोविड-19 के चलते महाराष्ट्र में वार्षिक गणपति महोत्सव से पहले भगवान गणेश की प्रतिमा बनाने वाले कारीगरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इन मुश्किलों में कच्चा माल मिलने में कठिनाई और चार फुट से ऊंची मूर्ति पर प्रतिबंध शामिल हैं। यहां गणेश प्रतिमा बनाने वाले कारीगर सालभर काम करते हैं। महाराष्ट्र में गणेशोत्सव सबसे लोकप्रिय पर्व है।