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मुंबई: शरद पवार बोले- अब रोटी पलटने का वक्त आ गया है, नहीं पलटेंगे तो जल जाएगी…

पवार के बयान से महाराष्ट्र की सियासत में मचा हड़कंप…

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ शरद पवार के बयान से महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। बुधवार शाम चेम्बूर के नालंदा सभागृह में मुंबई एनसीपी की यूथ विंग द्वारा आयोजित ‘युवा मंथन’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए एनसीपी चीफ ने कहा कि अब ‘रोटी पलटने’ का समय है और अगर इसे नहीं पलटा गया तो जल जाएगी।

शरद पवार के इस बयान से एक बार फिर सियासी कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। इससे पहले पवार ने कहा था कि अभी तय नहीं है कि अगला लोकसभा और विधानसभा चुनाव महाविकास अघाड़ी के दल साथ लड़ेंगे। इसके साथ ही पवार ने अघाड़ी की संयुक्त रैलियों में नहीं शामिल होने की बात कही है।
राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के ‘युवा मंथन’ कार्यक्रम में शरद पवार ने आगे कहा कि अब बारी आती है रोटी बेलने की। तवे पर रोटी को घुमाना है, अगर नहीं घुमाया तो जल जाएगी, इसलिए रोटी के चक्कर में देरी करने से काम नहीं चलेगा। कुछ व्यक्तियों का समाज में कोई स्थान हो या न हो, कार्यकर्ताओं के बीच उनका सम्मान होता है। चाहे उनके पास पद हो या न हो। उस सम्मान को पाने के लिए आपको अगला कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सोचिए किसे टॉप पर लाना है। नगर निकाय चुनाव में संगठन की ओर से चुनाव लड़ने का मौका दिया जाएगा। इससे एक नया नेतृत्व बनेगा। शरद पवार ने कहा कि पार्टी में सभी वरिष्ठ नेताओं से वह काम करने का आग्रह किया जाएगा।

हम नई पीढ़ी को प्रोत्साहित कर अवसर देंगे: पवार
एनसीपी मुखिया शरद पवार ने कहा कि मुंबई शहर में कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है। मुंबई कार्यकर्ताओं की खान है। मुंबई बदल रही है लेकिन यहां के सामान्य परिवार को जीवित रहना चाहिए। हमने मिल मजदूरों की मुंबई देखी है। मजदूर तब एक बड़ा वर्ग था। आज लगता है यहां की मिलें खत्म हो गई हैं। वहां बड़ी-बड़ी इमारतें नजर आती हैं। साथ ही मिल में काम करने वाले मजदूर का भी पता नहीं चल रहा है। इस मजदूर वर्ग को तलाशना होगा। उसे पसीना बहाने का मौका देने के लिए एक तस्वीर बनानी होगी। इसे बदलने के लिए नीतिगत बदलाव की आवश्यकता है। इसके लिए फैसले एनसीपी पार्टी को लेने होंगे। इस प्रक्रिया में हम नई पीढ़ी को प्रोत्साहित कर अवसर देंगे। आइए हम एक ऐसा इतिहास रचें जहां हमारे युवा नया नेतृत्व तैयार कर प्रदेश की सूरत बदलने के लिए आगे आ रहे हैं।

पवार ने कहा कि अभी किसी ने बोला कि ध्यान देने और बदलाव की ज़रूरत है। तो होगा, ऐसा समय भी आ चुका है अब देर नहीं होगी। और मैं इसी मंच से यहां पर बैठे लोगों को कहता हूं कि पार्टी में बदलाव के लिए काम शुरू करें। मुझे एक और मुद्दे पर बात करनी है कि संघर्ष के दौरान काम करते समय वैचारिक स्थिरता और स्पष्टता होनी चाहिए, जैसे हमने एनसीपी क्यों ज्वाइन किया? यह पक्ष क्या काम करता है? अम्बेडकर, फुले, साहू इनका नाम क्यों लेते हैं, इन्होंने समाज को क्या रास्ता दिखाया? इन सभी महान लोगों के आदर्श को समझना चाहिए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री व मराठा छत्रप शरद पवार के हाल के बयानों से महाराष्ट्र का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। पहले उन्होंने कहा कि अडानी-हिंडनबर्ग मामले में संसद की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच का मतलब नहीं है। कुछ दिन पहले ही पवार ने सिल्वर ओक स्थित आवास पर गौतम अडानी से बंद कमरे में दो घंटे तक मुलाकात की।
पवार ने इसके साथ ही पीएम मोदी पर निजी हमलों को लेकर भी बयान दिया था। पवार ने कहा था कि राजनीति में बयानबाजी का एक स्तर होना चाहिए। वहीं उनके भतीजे अजित पवार को लेकर महाराष्ट्र में लंबे समय से अटकलें चल रही हैं। अजित पवार के दो दिन तक नॉट रीचेबल रहने पर तमाम कयास लगाए जा रहे थे। वहीं मीडिया के सामने आने पर उन्होंने बीजेपी के साथ जाने की बात को अफवाह करार दिया। उन्होंने कहा कि जब तक जान में जान है तब तक एनसीपी से जुड़ा रहूंगा। चाहो तो एफिडेविट पर लिख कर दे दूं! इसके ठीक बाद अजित पवार ने एक कार्यक्रम में कहा कि वह 2024 नहीं उससे पहले ही सीएम के दावेदार हैं। इसके बाद उनका एक और बयान सामने आया। अजित ने कहा कि आप सोच रहे होंगे कि क्या मैं वही दोहराऊंगा जो सुबह आठ बजे किया था। मैं पहले ही बता चुका हूं कि अंतिम वक्त तक एनसीपी में काम करूंगा और पार्टी का जो फैसला होगा उससे सहमत हूं।

बता दें कि 2019 में सुबह-सुबह अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री की शपथ ली थी, लेकिन 48 घंटे में ही शरद पवार के सक्रिय होते ही पूरा मामला पलट गया था।