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मुझे अपने बेटे पर गर्व है कि उसने पुलावामा के शहीदों का बदला लेते हुए अपनी जान गंवाई है..

शहीद अजय कुमार के पिता वीरपाल भी सेना से रिटायर्ड हैं , वहीं अजय की पत्‍नी का रो-रोकर बुरा हाल है..

मेरठ, जम्‍मू-कश्‍मीर के पिंगलिना इलाके में पुलवामा हमले के जिम्‍मेदार आतंकियों पर कार्रवाई के दौरान शहीद हुए जवानों में मेरठ के अजय कुमार भी शामिल हैं। अजय की शहादत की खबर से उसके गांव और आसपास के इलाकों में गम का माहौल है। पिता को अपने बेटे पर गर्व है कि उसने पुलावामा के शहीदों का बदला लेते हुए अपनी जान गंवाई है। अजय की गर्भवती पत्‍नी का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद के घर पर आने-जाने वालों का तांता लगा हुआ है। 26 वर्षीय जवान अजय कुमार थाना जानी क्षेत्र के गांव बसा टीकरी के रहने वाले थे। अजय 7 अप्रैल, 2011 को सेना की 20 ग्रेनेडियर में भर्ती हुए थे। बाद में उनको 55 राष्ट्रीय राइफल्स रैपिड फोर्स में तैनाती मिली थी। कुछ माह पूर्व ही उनकी पोस्टिंग जम्मू- कश्मीर में हुई थी। अजय की शादी चार साल पहले डिंपल से हुई थी। उनका ढाई साल का एक बेटा आरव है। डिंपल इस समय आठ माह की गर्भवती हैं।

शहीद के बचपन के दोस्त नीरज ने बताया कि अजय एक महीने की छुट्टी बिताने के बाद 30 जनवरी को वापस ड्यूटी पर गया था। रविवार को ही उसने पत्‍नी और बेटे से फोन पर बात की थी। अजय के बड़े भाई की मौत भी पांच महीने पहले हो चुकी है। 

शहीद अजय कुमार के पिता वीरपाल भी सेना से रिटायर्ड हैं। बेटे की शहादत के बाद वह अपने पोते आरव को गोद में लिए घर पर आने जाने वालों को पथराई आंखों से देख रहे हैं। वहीं, बाबा की गोद में बैठा ढाई साल का बेटा आरव कौतूहल भरी निगाहों से हर किसी को देख रहा है। मानो समझने का प्रयास कर रहा हो कि आखिर हुआ क्या है? 

बता दें कि जम्‍मू-कश्‍मीर में सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद गाजी उर्फ कामरान पुलवामा के पिंगलिना में छिपा हुआ है। खुफिया इनपुट पर कार्रवाई करते हुए सिक्यॉरिटी फोर्सेज ने रविवार आधी रात में ही आतंकवादियों को घेर लिया। इस मुठभेड़ में 55 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर समेत चार जवान शहीद हो गए।