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राज्यसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे संभाजी राजे, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी, बोले-सीएम उद्धव ठाकरे वादे से मुकरे!

मुंबई: छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी राजे छत्रपति अब राज्यसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने शुक्रवार को मराठी पत्रकार संघ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी है.
बता दें कि महाराष्ट्र की छह सीटों के लिए 10 जून को राज्यसभा का चुनाव होना है. नंबर गेम के हिसाब से बीजेपी के दो उम्मीदवार और महाविकास आघाडी सरकार में शामिल तीनों पार्टियों (शिवसेना, राकांपा, कांग्रेस) से एक-एक उम्मीदवार की जीत पक्की है. छठी सीट में कोई भी पार्टी अकेले अपने उम्मीदवार को जीत नहीं दिलवा सकती है. ऐसे में संभाजी राजे ने निर्दलीय होकर आम सहमति से राज्यसभा में चुने जाने की योजना बनाई थी. लेकिन शिवसेना ने छठी सीट के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया. इसी वजह से संभाजी राजे ने राज्यसभा चुनाव लड़ने का विचार दिल से निकाल दिया. इस बात की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी पार्टी से कोई शिकायत नहीं है. बस दु:ख इस बात का है कि शिवसेना पार्टी प्रमुख और सीएम उद्धव ठाकरे अपने वादे से मुकर गए.

वहीँ शिवसेना के प्रवक्ता अरविंद सावंत ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संभाजी राजे छत्रपति ने शिवसेना के ऑफर को ठुकरा कर मौका गंवा दिया. बता दें कि शिवसेना ने समर्थन देने की यह शर्त रखी थी कि संभाजी शिवसेना के उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा का चुनाव लड़ें. लेकिन संभाजी राजे निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात पर कायम रहे.

जब उद्धव ने फोन नहीं उठाया, तब संभाजी ने चुनाव ना लड़ने का मन बनाया
इसके बाद मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग में शिवसेना ने संभाजी राजे से कहा कि अगर वे ऐसा नहीं कर सकते तो शिवसेना समर्थित महाविकास आघाडी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ें. फाइनल ड्राफ्ट भी तैयार किया गया. संभाजी राजे निर्दलीय ही चुनाव लड़ना चाह रहे थे. इसके बावजूद इस बात पर संभाजी राजे ने दो दिन सोचने का वक्त मांगा. इसके बाद जब वे कोल्हापुर जा रहे थे तभी उन्हें खबर मिली कि शिवसेना ने अपने उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया है.
संभाजी ने सीएम उद्धव ठाकरे के साथ मीटिंग में मौजूद मंत्री और सांसद को फोन कर वजह जाननी चाही तो उन दोनों ने इस मामले में अपनी अनभिज्ञता जताई. जब उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे को फोन किया तो सीएम ने फोन नहीं उठाया. फिर संभाजी राजे ने चुनाव लड़ने का खयाल मन से निकाल दिया.

बीजेपी और मनसे ने दी तीखी प्रतिक्रियाएं
शिवसेना के इस फैसले को लेकर बीजेपी और मनसे ने काफी तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं. विधानपरिषद में विपक्षी नेता प्रवीण दरेकर ने कहा है कि शिवसेना ने छत्रपति शिवाजी महाराज के खानदान की शान के खिलाफ गुस्ताखी की है. जब समर्थन नहीं देना था तो शुरू में ही कहना था. नाटक क्यों किए? उम्मीदवारी देनी थी कि छत्रपति का अपमान करना था?
एमएनएस प्रवक्ता गजानंद काले ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जिस छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर शिवसेना का गठन हुआ था, आज उसी पार्टी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के खानदान के साथ यह सलूक किया है. ऐसे में शिवसेना को अपनी पार्टी में ‘शिव’ नाम कायम रखने का कोई हक नहीं है.