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वाराणसी: 9 जून से भक्त कर सकेंगे बाबा विश्वनाथ के दर्शन…

वाराणसी: यूपी में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संकट के बीच वाराणसी जिला प्रशासन की एक टीम सोमवार 8 जून को काशी विश्वनाथ मंदिर का निरीक्षण करेगी। इसमें कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के मानकों को परखा जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो नौ जून से बाबा के भक्तों की दर्शन करने की इच्छा पूरी होगी। इसके साथ काशी के सभी धार्मिक स्थलों की जांच के बाद ही खोलने की अनुमति दी जाएगी।
शासन के निर्देश पर 8 जून से मंदिरों को खोलने की तैयारी थी। मगर प्रशासन की ओर से नई गाइडलाइन जारी होने के बाद मंदिरों में नए सिरे से व्यवस्था बनाई जा रही है। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले बनाने से लेकर साफ-सफाई सहित भीड़ से बचने और संक्रमण को रोकने के लिए मानक का पालन करना होगा।
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर में आठ जून को व्यवस्थाओं की जांच की जाएगी। इसके बाद मंदिर भक्तों के लिए खोलने पर निर्णय होगा। उम्मीद है कि 9 जून से मंदिर खुलेगा। नियमों के तहत श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा।

धार्मिक स्थलों पर यह नियम होंगे लागू
मंदिर परिसर में एक समय में केवल पांच भक्तो को परिसर में आने की अनुमति होगी। मंदिर में किसी तरह का प्रसाद नहीं चढ़ेगा। श्रद्धालुओं को घर से आसन या चटाई लानी होगी और उसे अपने साथ ही वापस ले जाना होगा।
सामुदायिक रसोई, लंगर और अन्नदान और भोजन के वितरण में शारीरिक दूरी के मानकों का पालन किया जाएगा। धर्मस्थल प्रवेश द्वार पर अनिवार्य रूप से हैंड सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग होगी। श्रद्धालुओं को साबुन से हाथ-पैर धोकर परिसर में जाना होगा।

गंगा आरती और स्नान सहित अन्य आयोजनों पर प्रतिबंध
जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने बताया कि गंगा आरती, स्नान, जुलूस, समूह में इकट्ठा होना, धार्मिक- सामाजिक कार्यक्रमों के अंतर्गत आते हैं। इन पर भारत सरकार के 30 मई के आदेश के अनुसार रोक है। ऐसे में वाराणसी में गंगा स्नान, गंगा आरती सहित समूह में एकत्र होने पर प्रतिबंध जारी रहेगा। धार्मिक स्थल, होटल और माल के निरीक्षण के लिए कई समिति बनाई जा रही हैं ताकि 3-4 दिन में सब सत्यापन पूरे हो सकें।

काशी विश्वनाथ धाम में भिखारी धर्मशाला तोड़ने पर हंगामा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चल रहा ड्रीम प्रोजेक्ट श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर अपना मूर्त रूप लेने लगा है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में शनिवार को भिखारी धर्मशाला के ध्वस्तीकरण के दौरान जमकर हुए हंगामें में तीन लोगों के चोटिल होने की ख़बर है। पुलिस ने मामले में कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया है।
शनिवार की दोपहर में काशी विश्वनाथ धाम में काम करा रही संस्था के कर्मचारी मणिकर्णिका घाट पर स्थित भिखारी धर्मशाला का ध्वस्तीकरण करने पहुंचे। धर्मशाला में रहने वालों ने उसको ध्वस्त करने से मना कर दिया। इसके बाद मंदिर प्रबंधन के कर्मचारी पहुंचे और उन्होंने समझाने का प्रयास किया लेकिन धर्मशाला में रहने वाले अपनी जिद पर अड़े रहे।
इसके बाद जैसे ही जेसीबी धर्मशाला को ध्वस्त करने के आगे लिए बढ़ी तो साधु उसके आगे लेट गए। इस दौरान हुए हंगामे और धक्कामुक्की में मंदिर के कर्मचारी और एक मजदूर के चोटिल होने की बात सामने आई है। स्थिति बिगड़ती देखकर पुलिस प्रशासन को घटना की जानकारी दी गई।
मौके पर पहुंची चौक थाने की पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करके मामले को शांत कराया। पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया है। देर रात तक मंदिर प्रबंधन की तरफ से कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई थी। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने बताया कि धर्मशाला का विक्रय किया जा चुका है। कुछ लोगों द्वारा किये गए हंगामे के मामले को सुलझा लिया गया है।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते श्री काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण भी प्रभावित हो गया था। ऐसे में कार्य को समय पूरा करना कंपनी के लिए चुनौती बन गया था। लॉकडाउन खुलते ही कंपनी द्वारा अपने विभिन्न क्षेत्रों से मजदूरों को बुलवाकर काम शुरू करा दिया है।
अब मजदूरों की संख्या लगभग 400 से अधिक हो चुकी है वहीं शुक्रवार की शाम को मणिकर्णिका सेवा समिति द्वारा इस धाम के निर्माण के लिए भिखारी धर्मशाला मंदिर प्रशासन को सौंप दी गई। इसके एवज में मंदिर प्रशासन द्वारा समिति के खाते में एक करोड़ 80 लाख की धनराशि भेज दी गई है।
लिखित सहमति मिलते ही शनिवार को मंदिर प्रशासन द्वारा मशीनों को लगाकर उस भवन के ध्वस्तीकरण का कार्य तेज कर दिया गया है। इससे अब घाट किनारे बनने वाले जेटी और अन्य निर्माणों की गति कई गुना बढ़ जाएगी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक विशाल सिंह ने बताया कि मणिकर्णिका सेवा समिति द्वारा किए गए इस सहयोग से अब निर्माण कार्य को काफी लाभ पहुंचेगा। इस भवन के हटने के बाद वहां होने वाले पक्के घाट के निर्माण से घाट का सौंदर्य काफी बढ़ जाएगा।