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विजय वडेट्टीवार बने महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता

मुंबई,(राजेश जायसवाल): कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार को गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा (Maharshtra Assembly) में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया है. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने इस पद पर वडेट्टीवार के नाम की घोषणा की.

बता दें कि इससे पहले एनसीपी नेता अजित पवार विपक्ष के नेता थे लेकिन शिवसेना-बीजेपी गठबंधन की सरकार में शामिल होने से पहले उन्होंने इस पद से त्याग दे दिया था. इस वजह से विपक्ष के नेता का पद एक महीने से अधिक समय से खाली था.

अजित पवार अपनी पार्टी के 8 विधायकों के साथ 2 जुलाई को सरकार में शामिल हो गए थे. वह 30 जून को इस्तीफा देने तक विपक्ष के नेता पद पर बने रहे. विजय वडेट्टीवार को इस पद पर नियुक्त किए जाने के बाद दिलचस्प तस्वीर सामने आई. सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम अजित पवार और विपक्षी नेता एकसाथ कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवर को विपक्ष के नेता की कुर्सी तक ले गए. कुर्सी तक ले जाने से पहले, दोनों पक्षों में हंसी-मजाक के बीच अजित पवार उन्हें सत्ता पक्ष की बेंच तक भी ले गए. जब अजित पवार, अजय वडेट्टीवार को नेता प्रतिपक्ष के आसन तक लेकर जा रहे थे तो सदन में दोनों पक्ष की तरफ से जमकर ठहाके लगाए जा रहे थे. दरअसल, कुछ समय पहले अजित पवार खुद इस पद पर थे और अब वह सरकार के साथ बैठे हैं.

विजय वडेट्टीवार विदर्भ क्षेत्र के चंद्रपुर जिले में ब्रह्मपुरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, वह पहले भी चार महीने के लिए विपक्ष के नेता बने थे, तब जब राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बीजेपी ज्वाइन करने के लिए इस पद से इस्तीफा दे दिया था.

नेता विपक्ष ही भावी मुख्यमंत्री होते हैं
इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने भाषण में आरआर पाटिल ‘आबा’ के नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के बाद दिए गए वक्तव्य का जिक्र किया. सीएम शिंदे ने बताया कि जब आरआर ‘आबा’ को नेता प्रतिपक्ष चुना गया था तो उन्होंने भाषण में कहा था कि नेता विपक्ष ही भावी मुख्यमंत्री होते हैं.

मुख्यमंत्री ने वडेट्टीवार को नेता प्रतिपक्ष बनने की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि वह ‘वर्क फ्रॉम होम’ कार्य नहीं करेंगे. शिंदे ने कहा वह पहले शिवसेना में रह चुके हैं और जमीनी स्तर के नेता हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार की किसी मामले में चूक हुई तो फिर वडेट्टीवार सरकार को विरोधी पक्ष नेता के तौर पर सुधारने के लिए मौजूद रहेंगे.

वहीं, वडेट्टीवार को शुभकामनाएं देते हुए उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि जब वह बोलते हैं तो उन्हें माइक की जरूरत नहीं पड़ती है. फडणवीस ने कहा कि वडेट्टीवार की लोगों में पैठ इतनी मजबूत है कि एक बार हमने उन्हें चुनाव में हराने के सभी जतन कर लिए थे, लेकिन हम उन्हें हरा नहीं पाए थे. पूरे सदन का धन्यवाद देते हुए विजय वडेट्टीवार ने कहा कि भले ही उनके बारे में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने अच्छी-अच्छी बातें कही हों लेकिन वह महाराष्ट्र की जनता के हितों के लिए विधानसभा में उनकी आवाज और जोर से उठाएंगे. उन्होंने कहा कि इस समय किसानों को सरकार की सबसे ज्यादा जरूरत है. इसलिए मेरी सरकार से मांग है कि किसानों की हर संभव सहायता की जाए.

सरकार में शामिल होने से पहले ये भी रहे हैं विपक्ष के नेता
गौरतलब है कि अजित पवार, राधाकृष्ण विखे पाटिल और नारायण राणे तीनों ने सरकार को ऐसे समय में ज्वाइन किया था जब वे नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर थे. मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे भी 2014 में शिवसेना के देवेद्र फडणवीस सरकार में शामिल होने से पहले एक महीने के लिए विपक्ष के नेता पद पर थे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा में देरी करने पर सीएम एकनाथ शिंदे ने कांग्रेस की खिंचाई की है.

NCP में टूट के बाद कांग्रेस को मिला नेता विपक्ष का पद!
बता दें कि अजित पवार के साथ एनसीपी के कई विधायकों के भाजपा-शिंदे सरकार के साथ जाने से कांग्रेस अब विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. यही वजह है कि कांग्रेस द्वारा नेता विपक्ष का पद दिए जाने की मांग की जा रही थी. यही वजह है कि अब कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार को ही नया नेता विपक्ष चुना गया है. नेता विपक्ष पद के लिए कांग्रेस की तरफ से पृथ्वीराज चव्हाण, यशोमती ठाकुर, संग्राम थोपटे, सुनील केदार के नामों की चर्चा चल रही थी. संग्राम थोपटे के नेतृत्व में महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं का एक दल दिल्ली भी होकर आया था, जिसमें पार्टी आलाकमान के साथ नेता विपक्ष के चेहरे पर चर्चा हुई. आखिरकार कांग्रेस ने वडेट्टीवार के नाम पर मुहर लगा दी.