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विट्ठलवाड़ी पुलिस के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने की मांग, डकैती के आरोपियों को कोरोना संक्रमित लॉकअप में रखने का आरोप?

सांकेतिक तस्वीर

मुंबई/ठाणे: उषा सुभाष वाघ नामक महिला ने विट्ठलवाड़ी पुलिस के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने की मांग की है। उषा का आरोप है कि विट्ठलवाड़ी पुलिस ने उनके बेटे गौतम वाघ और उनके साथियों को फर्जी मामले में गिरफ्तार किया और जानबूझ कर कोरोना संक्रमित लॉकअप में रखा जिससे वे भी कोरोना पॉजिटिव हो गए।

उषा वाघ (54) की शिकायत के अनुसार, उनका पुत्र गोविंदा उर्फ़ गौतम वाघ पेशे से पत्रकार है। 29 जून 2020 को गौतम और उसके साथियों- दीपक केसरी, रजनीकांत गायकवाड़, संतोष गुप्ता, विक्रम गायकवाड़ और लव सहानी ने विट्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन में फोन कर बताया कि आशेले गांव, उल्हासनगर-4 में रहने वाला सुरेश सियाराम गुप्ता सिगरेट और गुटखा की अवैध तरीके से बिक्री कर रहा है। पुलिस की सलाह पर पांचों एक गोनी गुटखा सहित सुरेश गुप्ता को पकड़कर पुलिस स्टेशन ले गए। पुलिस ने सुरेश गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।

आश्चर्य कि बात यह है कि 29 जून 2020 की सुबह 11 बजे विट्ठलवाड़ी पुलिस ने गौतम वाघ, दीपक केसरी, रजनीकांत गायकवाड़, संतोष गुप्ता, विक्रम गायकवाड़ और लव सहानी को पुलिस स्टेशन में बुलाया और अपराह्न 4.30 बजे डकैती के आरोप में गिरफ्तार लिया। पुलिस ने इन पर आरोप लगाया कि इन्होंने सुरेश गुप्ता से 35,000 रुपये और दो गोनी गुटखा लूटा है। पुलिस ने इन पांचों को उसी लॉकअप में रखा जिसमें पहले से दुर्गा प्रसाद राय और विजय चव्हाण जैसे आरोपी रखे गए थे। दुर्गा राय कोरोना पॉजिटिव था। उससे विजय चव्हाण पॉजिटिव हुआ और फिर बाद में गौतम वाघ, रजनीकांत गायकवाड़ और विक्रम गायकवाड़ भी।
खबर है कि 17 जुलाई को हत्या के प्रयास का एक और आरोपी राहुल सुरेश वाल्मीकि भी कोरोना पॉजिटिव हो गया। उसे भी उसी लॉकअप में रखा गया था।

उषा वाघ ने शिकायत में एसीपी से लेकर विट्ठलवाड़ी पुलिस के कई कर्मचारियों, गुटखा और सिगरेट विक्रेता सुरेश गुप्ता और जॉनी पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने की मांग की है। इन पर कार्रवाई न होने पर उषा ने अनशन करने की भी धमकी दी है।

डकैती की फर्जी कहानी!
पत्रकार गौतम वाघ और उनके साथियों को डकैती जैसे फर्जी मामले में फंसाने के पीछे एसीपी डीडी टेले से लेकर विट्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन के किसी भी अधिकारी ने अपने दिमाग का प्रयोग नहीं किया। पुलिस ने बताया कि सुरेश गुप्ता के यहां 28 जून 2020 की सुबह 7:05 बजे डकैती पड़ती है। और उसी सुरेश गुप्ता को 28 जून 2020 की ही सुबह 7:45 बजे सिगरेट, बीड़ी, गुटखा और तम्बाकू की बिक्री करते पुलिसकर्मी धनंजय ठोंबरे गिरफ्तार करता है। कमाल है सुरेश गुप्ता डकैती पड़ने के बावज़ूद पुलिस स्टेशन एफआईआर करने नहीं जाता। सिगरेट और गुटखे का धंधा करने में व्यस्त हो जाता है?