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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को मिला पहला दान, केंद्र सरकार ने नकद में दिया 1 रुपया

१) मंदिर की जमीन का कब्जा प्राप्त करते ऐडवोकेट पराशरण २) अयोध्या राज परिवार के बिमलेंद्र मोहन को जन्मभूमि के रिसीवर का चार्ज

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने अयोध्या में ‘विशाल और भव्य’ राम मंदिर के निर्माण के लिए बुधवार को 15 सदस्यीय एक स्वतंत्र ट्रस्ट का गठन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट की तीन महीने की समय सीमा खत्म होने से चार दिन पहले लोकसभा में इसकी घोषणा की। इसके बाद ट्रस्ट को केंद्र की ओर से 1 रुपये का नकद दान भी मिला जो ट्रस्ट को मिला पहला दान है।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ को पहले दान के रूप में 1 रुपया नकद दिया ताकि ट्रस्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की दिशा में काम शुरू कर सके। केंद्र सरकार की ओर से यह दान ट्रस्ट को गृह मंत्रालय में अवर सचिव डी. मुर्मू ने दिया। अधिकारी ने बताया कि ट्रस्ट अचल संपत्ति समेत बिना किसी शर्त के किसी भी व्यक्ति से किसी भी रूप में दान, अनुदान, अंशदान, योगदान ले सकता है। शुरुआत में तो ट्रस्ट वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण के आवास से कार्य करेगा, लेकिन बाद में इसका स्थायी कार्यालय खोला जाएगा। इस ट्रस्ट के पास राम मंदिर निर्माण और इससे जुड़े विषयों पर स्वतंत्र रूप से निर्णय करने के अधिकार होंगे। ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय दिल्ली में होगा।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के कुछ देर बाद मोदी ने राम मंदिर निर्माण की ‘वृहद योजना’ और इसके लिए ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ नामक ट्रस्ट के गठन की लोकसभा में सूचना दी। मोदी ने कहा कि मंत्रिमंडल का निर्णय राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में गत 9 नवंबर को उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के अनुरूप है।
शीर्ष अदालत ने लंबे समय से लंबित इस धार्मिक मुद्दे का समाधान करते हुए अयोध्या में संबंधित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और केंद्र को इसके वास्ते ट्रस्ट निर्माण के लिए तीन महीने का समय दिया था। सुप्रीम कोर्ट की तीन महीने की समयसीमा चार दिन बाद खत्म होने वाली थी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर मेरी सरकार ने अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थल पर विशाल और भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए एक वृहद योजना को आज स्वीकृति दे दी है और इसका निर्माण कार्य देखने के लिए ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ नाम से एक ट्रस्ट गठित किया है।

विमलेंद्र मोहन को सौंपा रिसीवर का प्रभार
फैजाबाद के आयुक्त एम.पी. अग्रवाल ने अयोध्या में रामजन्मभूमि स्थल के रिसीवर का प्रभार राम मंदिर निर्माण के लिए नवगठित ट्रस्ट के एक सदस्य को बुधवार को सौंप दिया। अयोध्या मामले में फैसला आने से पहले तक इस स्थल की सुरक्षा और यहां यथास्थिति बनाए रखने की जिम्मेदारी फैजाबाद के आयुक्त की थी। रिसीवर का प्रभार अयोध्या से ट्रस्ट के सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा को सौंपा गया। सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर 1994 को फैजाबाद आयुक्त को स्थल का रिसीवर बनाया था। इस मौके पर डीएम अनुज झा भी मौजूद रहे।