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‘संकल्प साहित्य कलामंच’ द्वारा कजरी वेबीनार सम्पन्न

मुंबई: साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था ‘संकल्प साहित्य कला मंच’ के तत्वावधान में बुधवार को संपूर्ण महाराष्ट्र के प्राध्यापकों को एकजुट कर वेबिनार का आयोजन किया गया। 12वीं कक्षा की नवीन हिंदी पुस्तक ‘युवकभारती’ के पाठ्यक्रम को ध्यान में रखकर इसका आयोजन किया गया था। इस बार पाठ्यक्रम में लोकगीत कजरी का भी समावेश किया गया है, इसलिए यह ‘वेबिनार’ कजरी पर पर ही आधारित था। लॉकडाउन के चलते महाराष्ट्र भर के विभिन्न प्राध्यापकों ने इसमें ऑनलाइन भाग लिया।

कजरी विशेषज्ञ व हास्य कवि सुरेश मिश्र

इस ‘वेबिनार’ में मुख्य अतिथि डॉ अलका पोद्दार (विशेषाधिकारी हिंदी भाषा, पाठ्यपुस्तक मंडल पुणे) ने सभी प्राध्यापकों का मार्गदर्शन किया। विशेष अतिथि के रूप में हास्य कवि एवं हजारों लोकगीतों के रचयिता कजरी विशेषज्ञ सुरेश मिश्र ने कजरी के महत्व को बताया और शिक्षकों की शंकाओं का निराकरण किया। उन्होंने स्वयं कजरी गाकर प्राध्यापकों को रसविभोर कर दिया। मंच की चार स्तंभ प्रा. विनीता राजापुरकर, प्रा. मनीषा सिंह, प्रा. सुनीता चौहान और डॉक्टर ममता झा ने अथक प्रयत्न करके कार्यक्रम को सफल बनाया। आकाशवाणी की प्रसिद्ध लोक गायिका संध्या मिश्रा ने भी कजरी सुनाकर लोगों को भाव विभोर कर दिया।

‘लोकगीतों का गुलदस्ता’ नामक इस कार्यक्रम में प्रा.लता जोशी, प्रा.रेनू सिंह, प्रा. परीनीति सावंत, मंजू लता यादव, नीलिमा पाटिल, जयश्री सावंत, रवीन्द्र मारुति, शंकर पांडे, कामेश्वर सिंह, मंजू सिंह ,बबिता सिंह, डॉक्टर ममता झा, प्रा. विनीता राजापुरकर, प्रा.मनीषा सिंह एवं प्रा.सुनीता चौहान ने भी कजरी सुनाकर लोगों को आह्लादित कर दिया। ऑल इंडिया रेडियो के पूर्व उद्घोषक आनंद सिंह ने कजरी को भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़ा लोकगीत बताया।
वेबिनार का यह ग्यारहवां आयोजन था। इस प्रकार साहित्य और कला का समागम करने का संकल्प पूर्ण किया गया। यह पूरा आयोजन एक साथ संपूर्ण महाराष्ट्र के प्राध्यापकों को लेकर किया गया था।