ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्र

संजय राउत के घर ED की छापेमारी, शिवसेना सांसद ने कहा- ‘मर भी जाऊं तो समर्पण नहीं करूंगा’!

मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी घमासान अभी खत्म नहीं हुआ है। इसी बीच रविवार सुबह शिवसेना सांसद संजय राउत के मुंबई के भांडुप स्थित ‘मैत्री’ आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पहुंची है। माना जा रहा है कि उन्हें जांच एजेंसी पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर भी ला सकती है। खबर आ रही है कि संजय राउत को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा सकता है।

बता दें कि शिवसेना नेता संजय राउत 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चाल घोटाले में जांच के दायरे में हैं। साथ ही उन पर जांच में सहयोग न करने का भी आरोप लगा है। हालांकि, राउत ये कहते आए हैं कि वह जांच एजेंसी को पूरा सहयोग करेंगे। आज सुबह 7 बजे ईडी की टीम राउत के आवास पर पहुंची है।

गौरतलब हो कि संजय राउत को ईडी ने 27 जुलाई को समन भेजकर पूछताछ के लिए हाजिर रहने के लिए कहा था लेकिन वे ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए। बल्कि राउत ने पेशी से छूट मांगी थी, जिसे जांच एजेंसी ने स्वीकार नहीं किया। यही कारण है कि ईडी अब राउत के आवास पर पहुंची है। इस मामले में संजय राउत की 9 करोड़ रुपये और उनकी पत्नी वर्षा की दो करोड़ रुपये की संपत्ति पहले ही जब्त हुई है।

इससे पहले राउत को ईडी ने 1 जुलाई को हुई पूछताछ के बाद 20 और 27 जुलाई को तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने अपने वकीलों के जरिए सूचना भेजी कि संसद सत्र के कारण वह 7 अगस्त के बाद ही पेश हो सकते हैं। ईडी इस मामले में दादर और अलीबाग में राउत की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है। वहीं, छापेपारी की सूचना मिलते ही भारी संख्या में ‘शिवसैनिक’ संजय राउत के आवास पर जुटने लगे हैं। वहीं संजय राउत ने ट्वीट कर कहा- झूठी कार्रवाई…झूठे सबूत…मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा। मैं मर भी जाऊं तो भी आत्मसमर्पण नहीं करूंगा। मेरा किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है।

जानें- संजय राउत के खिलाफ क्या है मामला?
संजय राउत के खिलाफ 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल घोटाले से जुड़े मनी लान्ड्रिंग मामले में जांच चल रही है। उन्हें ईडी कई बार समन जारी कर चुकी है। लेकिन किसी न किसी कारण से राउत ईडी के सामने पेश नहीं हो रहे हैं। इससे पहले उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए चल रहे प्रचार अभियान का हवाला देते हुई ईडी से पेशी के लिए और समय मांगा था। संजय राउत इस मामले में मुख्य आरोपी हैं।
ईडी के मुताबिक, ‘पात्रा चाल’ के 672 परिवारों के पुनर्वास के लिए सोसायटी, म्हाडा और गुरू आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था। गुरू आशीष कंपनी के डायरेक्टर HDIL के राकेश वाधवान, सारंग वाधवान और प्रवीण राउत थे। कंपनी पर आरोप है कि उसने म्हाडा को गुमराह कर वहां की FSI पहले तो 9 दूसरे बिल्डरों को बेचकर 901 करोड़ जमा किए, फिर ‘मिडोज’ नाम से एक नया प्रोजेक्ट शुरू करके 138 करोड़ रुपये फ्लैट बुकिंग के नाम पर वसूले। लेकिन 672 असली किरायेदारों को उनका मकान नहीं दिया। इस तरह कंपनी ने 1039.79 करोड़ बनाए। ईडी का आरोप है कि बाद में HDIL ने गुरु आशीष कंपनी के डायरेक्टर प्रवीण राउत को 100 करोड़ रुपये दिए जिसमें से प्रवीण राउत ने 55 लाख रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को दिए थे, जो कि मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा है।

सोशल मीडिया में वायरल हो रही राउत की आडियो क्लिप
सोशल मीडिया पर शिवसेना सांसद संजय राउत की कथित ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है। इस मामले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस विभाग को इस क्लिप को लेकर जांच करने के आदेश दिए हैं। इस मामले में संबंधित पीड़ित महिला ने पुलिस थाने में भी शिकायत दर्ज कराई है। पात्रा चॉल मामले में और इस क्लिप को लेकर पीड़ित महिला ने ईडी में भी शिकायत दर्ज कराई है।