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संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का वाराणसी के सारनाथ से संबंध, पीएम मोदी ने किया अनावरण

वाराणसी/दिल्‍ली: नयी दिल्‍ली में बन रहे नए संसद भवन की छत के शीर्ष पर काशी की अनुपम छवि सिंह शीर्ष (अशोक की लाट) के रूप में नज़र आएगी। सोमवार को वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर राष्‍ट्रीय प्रतीक के रूप में सारनाथ के सिंह शीर्ष के प्रतीक का अनावरण किया। अब नए संसद भवन की छत पर कई फीट ऊंचा यह प्रतीक चिन्ह दूर से ही लोगों को नज़र आएगा। इस प्रकार देश की शीर्ष संस्‍था के इस भवन पर भी काशी की छवि को देखकर लोग गौरव का अनुभूति करेंगे।
वहीं पीएम मोदी ने सिंह शीर्ष के रूप में अशोक की लाट को स्‍थापित करने की जानकारी ट्विटर पर भी साझा की है। प्रधानमंत्री ने लिखा- ‘आज सुबह, मुझे नई संसद की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण करने का सम्मान मिला’। इसके साथ ही पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल पर वीडियो और फोटो शेयर कर संसद भवन की पहली और अनुपम छवि का अनावरण कर देश में काशी के अनोखे अशोक की लाट को देश को नई संसद भवन की छत पर लोकार्पित किया। अब नए संसद भवन की यह अनोखी पहचान बनने जा रहा है।

पीएम मोदी द्वारा रखी गई थी नए संसद भवन की आधारशिला
बता दें कि पुराने भवन की स्थिरता की चिंताओं के कारण 2010 में मौजूदा भवन को बदलने के लिए नए संसद भवन के प्रस्ताव के लिए एक समिति की स्थापना तत्कालीन अध्यक्ष मीरा कुमार ने 2012 में की थी। भारत सरकार ने 2019 में एक नए संसद भवन के निर्माण के साथ प्रधानमंत्री के लिए नया कार्यालय और संसद भवन की संकल्‍पना के साथ सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना शुरू हुई। नए भवन के लिए भूनिर्माण अक्टूबर 2020 में शुरू हुआ और 10 दिसंबर 2020 को पीएम द्वारा आधारशिला रखी गई थी।


नया संसद भवन सानी सेंट्रल विस्टा के वास्तुकार प्रभारी बिमल पटेल हैं जिन्‍होंने काशी विश्‍वनाथ कारिडोर के काम को भी पूरा किया है। संसद का नया परिसर त्रिकोणीय आकार का होने के साथ ही मौजूदा भवन से काफी बड़ा है। इस भव्‍य इमारत का 150 से अधिक वर्षों का जीवन होगा। जबकि इसे भूकंप प्रतिरोधी बनाया गया है। पूरे भवन में भारत के विभिन्न हिस्सों से वास्तुशिल्प शैलियों को शामिल किया गया है। सांसदों की संख्या भारत की बढ़ती जनसंख्या और परिणामस्वरूप भविष्य के परिसीमन के साथ बढ़ने को देखते हुए नए परिसर में लोकसभा में 888 सीटें और राज्यसभा में 384 सीटें होंगी। वर्तमान संसद भवन के केंद्रीय हॉल नहीं होगा। इमारत के शेष हिस्सों में मंत्रियों और समिति के कमरों संग चार मंजिला यह पूरा भवन होगा।