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सहकारी बैंक घोटालाः अजित पवार और 76 अन्‍य के खिलाफ FIR दर्ज, बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिए थे निर्देश

मुंबई, महाराष्ट्र के चर्चित सहकारी बैंक घोटाला मामले में मुंबई पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार और 76 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने यह एफआईआर दर्ज किया है। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस को एनसीपी नेता समेत सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिया था आदेश
कोर्ट ने मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पवार और अन्य आरोपियों के खिलाफ मामले में प्रथम दृष्टया विश्वसनीय साक्ष्य हैं। बीते गुरुवार को मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एसके शिन्दे ने ईओडब्ल्यू को अगले पांच दिन के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। पूर्व उपमुख्यमंत्री पवार के अलावा मामले के अन्य आरोपियों में एनसीपी नेता जयंत पाटिल तथा राज्य के 34 जिलों के विभिन्न वरिष्ठ सहकारी बैंक अधिकारी शामिल हैं।

नाबार्ड ने दाखिल किया था आरोपपत्र
आरोपियों की मिलीभगत से साल 2007 से साल 2011 के बीच एमएससीबी को कथित तौर पर करीब 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप है। नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर ऐंड रूरल डिवेलपमेंट) ने इसका निरीक्षण किया और अर्द्ध-न्यायिक जांच आयोग ने महाराष्ट्र सहकारी सोसाइटी अधिनियम (एमसीएस) के तहत एक आरोपपत्र दाखिल किया। आरोपपत्र में पवार तथा बैंक के कई निदेशकों सहित अन्य आरोपियों को नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। इसमें कहा गया था कि उनके फैसलों, कार्रवाइयों और निष्क्रियता से बैंक को नुकसान हुआ।

स्थानीय कार्यकर्ता ने की थी FRI की मांग
बता दें कि एक स्थानीय कार्यकर्ता सुरिन्दर अरोड़ा ने साल 2015 में इस मामले को लेकर ईओडब्ल्यू में एक शिकायत दर्ज कराई थी और एक प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पिछले गुरुवार को हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि नाबार्ड की रिपोर्ट, शिकायत और एमसीएस कानून के तहत दाखिल आरोप पत्र प्रथम दृष्टया बताते हैं कि मामले में आरोपियों के खिलाफ विश्वसनीय साक्ष्य हैं। इसके बाद कोर्ट ने ईओडब्ल्यू को आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे।