उत्तर प्रदेशदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य हाथरस: एसआईटी को मृत युवती की नकली ‘भाभी’ की तलाश, PFI के बाद अब नक्सल कनेक्शन भी आया सामने! 10th October 202010th October 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this लखनऊ: हाथरस के बूलगढ़ी गांव के बहाने उत्तर प्रदेश का माहौल खराब करने में पीएफआई के बाद अब नक्सल कनेक्शन भी सामने आया है। मृत दलित युवती के घर पर 16 सितंबर के बाद से ही सक्रिय ‘भाभी’ अब गायब हैं। घर में रहकर पीड़ित परिवार को भड़काने के साथ ही मीडिया में काफी बयान देने वाली भाभी अब सीन से गायब हैं। सरकार के विरोध में जमकर बयान देने वाली भाभी की पहचान जबलपुर में पीड़ित परिवार की कथित रिश्तेदार के रूप में हुई है।हाथरस के बूलगढ़ी गांव के इस केस के बहाने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश का माहौल खराब करने की योजना में एक और बड़ी साजिश सामने आ गई है। यहां पर पीएफआई की मदद से बड़े दंगों की साजिश में ‘भीम आर्मी’ के बाद अब नक्सल कनेक्शन भी पता चला है। अब एसआईटी की एक टीम मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली महिला की तलाश में जुटी है।पुलिस के मुताबिक यह फर्जी रिश्तेदार पीड़ित स्वजन को लगातार गाइड कर रही थी कि मीडिया में क्या बयान देना है।पुलिस का दावा है कि वह महिला पीड़ित परिवार को बरगला रही थी। तथाकथित रिश्तेदार (भाभी) डॉ. राजकुमारी पीड़ित परिवारों को बरगलाते हुए देखी गई है। केवल दलित होने के नाते परिवार के लोगों को भरोसे में लेकर पिछले कई दिनों से पीड़ित परिवार के यहां रही थी। महिला अपने आप को मध्य प्रदेश के जबलपुर मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर बता रही थी।माना जा रहा है कि संदिग्ध नक्सली महिला पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी। महिला अपने नाम के आगे डॉक्टर लगाती है। इस महिला ने परिजनों को सरकार के विरोध में भड़काया। इतना ही नहीं खुद को पीड़ित परिवार का रिश्तेदार बताकर मीडिया में लगातार सरकार विरोधी बयान भी देती रही। फिलहाल अब वह सीन से गायब है और एसआईटी को उसकी तलाश है। पीड़ित की भाभी बोलीं- जबलपुर की रिश्तेदारइस संबंध में पीड़ित की भाभी ने बताया कि महिला का नाम राजकुमारी है। यह जबलपुर की रहने वाली है। उसका एक बच्चा है। दूर की रिश्तेदार है। घटना के बाद से ही रिश्तेदार दूर-दूर से आ रहे हैं। वह भी आई थी, बाद में चली गई। कोविड के बहाने चेहरा ढक कर परिवार वाला बनकर इसने कई चैनलों को इंटरव्यू दिया, इस दौरान महिला ने कई आपत्तिजनक, भड़काऊ और झूठी बातें कहीं थीं। महिला पर आरोप है कि उसने गांववालों में अफवाह फैलाकर उन्हेंं भी भड़काने का काम किया है। पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो महिला घर से लापता हो गई, पुलिस महिला का सुराग लगाने में जुटी है।हाथरस केस की जांच कर रही एजेंसी को पता चला कि नक्सली महिला घूंघट में पुलिस और एसआईटी से बातचीत कर रही थी। वह 16 सितंबर से ही पीड़िता के गांव, यानी घटना के दो दिन बाद से ही सक्रिय हो गई थी। वह पीड़ित परिवार के साथ घर में रहकर परिवार के लोगों को भड़का रही थी। पीड़िता की भाभी बनकर रहने वाली नक्सली एक्टिविस्ट महिला की कॉल डिटेल्स में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। अब एसआईटी जल्द ही इसका खुलासा कर सकती है।एसआईटी की प्राथमिक जांच में जातीय हिंसा फैलाने के लिए विदेशी फंडिग की बात सामने आ चुकी है। यहां दंगा फैलाने की साजिश में भीम आर्मी का नाम भी आ चुका है। इस केस में फॉरेन फंडिंग के साथ-साथ नक्सली एंगल की एसआईटी और पुलिस की जांच के दायरे में हैं। अब पुलिस के शक होते ही महिला घर से चुपचाप खिसक ली। कई वीडियो में भी महिला को देखा जा सकता है जो अपना नाम कथित तौर राजकुमारी बता रही थी। मृतका के घर रिश्तेदार बनकर रहे भीम आर्मी के लोगपुलिस के अनुसार, भीम आर्मी हाथरस के बूलगढ़ी गांव में माहौल बिगाडऩे की साजिशकर्ता बनकर सामने आई है। पुलिस को इनपुट मिला है कि भीम आर्मी के तीन लोग पीड़िता के घर रिश्तेदार बनकर रह रहे थे। उन्होंने घर में रहकर परिजनों को सरकार के विरोध में भड़काया। इतना ही नहीं खुद को पीड़ित परिवार का रिश्तेदार बताकर भीम आर्मी के लोग मीडिया में लगातार सरकार विरोधी बयान भी देते रहे, जिसके चलते यह मुद्दा इतना बड़ा बन गया।भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर बूलगढ़ी गांव की पीड़िता का हाल जानने 27 सितंबर को जेएन मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ पहुंचे थे। यहीं से भीम आर्मी के कार्यकर्ता युवती के स्वजन के संपर्क में आए। 19 वर्षीय पीड़ित युवती की 29 सितंबर की सुबह करीब 6 बजे सफदरजंग अस्पताल दिल्ली में मौत हो गई थी। इसकी सूचना पर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर भी सफदरजंग अस्पताल पहुंचे थे। उनके साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने युवती की मौत के बाद हंगामा किया था। आरोपितों को फांसी की सजा की मांग करते हुए रात तक हंगामा जारी रखा था। उसी दिन रात को पीड़िता का शव गांव लाया गया और पुलिस ने रात में ही उसका अंतिम संस्कार करा दिया।तभी से युवती के स्वजन के साथ भीम आर्मी से जुड़ी एक युवती व दो पुरुष रह रहे थे। यह खुद को रिश्तेदार बता रहे थे। यह लोग भी मीडिया में बयान दे रहे थे, जिनके निशाने पर प्रशासन और सरकार ज्यादा रही। भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर चार अक्टूबर को हाथरस आए थे।एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि भीम आर्मी के लोग जब पीड़िता से मिलने आए थे, तो एक युवती को यहां छोड़ गए थे, यह जानकारी खुफिया तंत्र से मिली थी। वह मीडिया के सामने परिवार की सुरक्षा और पलायन की बात कह रही थी। जब उनसे जानकारी की गई कि कौन हैं और कहां से आई हैं तो वह कुछ बता नहीं सकी। अब वह चली गई है। एक-दो और लोगों के पहले भी स्वजन के साथ रहने की जानकारी मिली है। Post Views: 106