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Adani Group ने जीता ‘धारावी स्लम’ के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की बोली!

मुंबई: एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती ‘धारावी स्लम’ के रिडेवलपमेंट के लिए अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी रियल्टी ने बोली जीत ली है। मनीकंट्रोल में इसको लेकर खबर प्रकाशित हुई है।
इससे पहले मुंबई में धारावी स्‍लम के रिडेवलपमेंट के लिए अडानी ग्रुप समेत तीन प्रमुख रियल एस्टेट कंपनियों ने बोली लगाई थी। इस रेस में अडानी ग्रुप, दिल्ली स्थित DLF ग्रुप और नमन ग्रुप शामिल थे।

महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार 29 नवंबर को देश के सबसे मशहूर स्लम ‘धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजक्ट’ को वित्तीय बोलियों को खोला।धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (Dharavi redevelopment Project) के सीईओ एसवीआर श्रीनिवास ने बताया कि हमें कुल तीन बोलियां मिली थीं। नमन ग्रुप की बोली टेक्निकल बिडिंग में क्वालिफाई नहीं कर पाई। इसके बाद फाइनेंशियल बिडिंग में हमने बाकी दो-अडानी ग्रुप (Adani Group) और डीएलएफ (DLF) की बोली को खोला। अडानी ग्रुप की तरफ से 5,069 करोड़ की बोली थी और डीएलएफ की बोली 2,025 करोड़ की थी।
श्रीनिवास ने बताया कि अब वह इस बोली को राज्य सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजेंगे। साथ ही धारावी के रिडेवलपमेंट के लिए एक special purpose vehicle (SPV) का गठन किया जाएगा।

15 सालों से धारावी के पुनर्विकास की हो रही कोशिश
धारावी के रिडेवलपमेंट और झुग्गीवासियों के पुनर्वास से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए तीन कंपनियों- अडानी रियल्टी, नमन ग्रुप और DLF ने बोली जमा कराई थी। पिछले 15 सालों में कई कोशिशों के बाद, आखिरकार अब जाकर धारावी का रिडेवलपमेंट या पुनर्विकास शुरू होगा।

इस आधार पर चुनी गई विजेता बोली
20,000 करोड़ रुपये से अधिक के इस प्रोजेक्ट के लिए विजेता को इस आधार पर चुना गया है कि प्रोजेक्ट में कौन शुरूआत में सबसे अधिक निवेश कर सकता है। महाराष्ट्र सरकार अगले 17 सालों में धारावी के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के पूरा होने की उम्मीद कर रही है और इसके अगले सात सालों में इसके पुनर्वास के पूरा होने की उम्मीद है। धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत करीब 1 करोड़ स्क्वायर फीट का एरिया आने की उम्मीद है।

एक अक्टूबर को जारी हुआ था ग्लोबल टेंडर
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने इससे पहले 2019 में धारावी के रिडेवलमेंट के लिए ग्लोबर टेंडर जारी किया था, जो विफल रहा था। इसके बाद इस साल 1 अक्टूबर को फिर से ग्लोबर टेंडर जारी किया, जिसमें कुल 8 कंपनियों ने शुरुआत में दिलचस्पी दिखाई थी। इसमें से 5 भारत की और 3 विदेशी कंपनी है। हालांकि, इनमें से सिर्फ 3 ने ही बोली जमा की।

56,000 से ज्यादा परिवारों को फिर से बसाया जाएगा
श्रीनिवास ने 1 नवंबर को एक इंटरव्यू में बताया था कि धारावी में अगला बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स बनने की संभावना है, जो आज मुंबई के सबसे पॉश इलाकों में से एक है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर 56,000 से ज्यादा परिवारों को यहां फिर से बसाया जाएगा। इस स्लम में रहने वाले हर परिवार को 405 वर्ग फीट कारपेट एरिया का घर मिलेगा। 1 करोड़ स्क्वायर फीट के कंस्ट्रक्शन एरिया में से करीब 70-80 लाख स्क्वायर फीट का इस्तेमाल रिहैब्लिटेशन के लिए होगा, बाकी को ओपन मार्केट में सेल किया जाएगा।