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MNS के ‘दीपोत्सव समारोह’ में शामिल हुए सीएम शिंदे और फडणवीस; मनपा चुनाव को लेकर राजनीति तेज

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) द्वारा आयोजित दिवाली कार्यक्रम में भाग लिया.
मनसे की ओर से दादर के शिवाजी पार्क में आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस का शामिल होना मुंबई में निकाय चुनावों (BMC Elections 2022) से पहले संभावित राजनीतिक गठजोड़ के संकेत दे रहे हैं.
इस अवसर पर तीनों नेताओं ने मंच पर खड़े होकर एक साथ बटन दबाया और शिवाजी पार्क पर लगाए गए खास झालर की लाइट जलाकर रोशनी की.

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने ‘दीपोत्सव समारोह’ में दोनों नेताओं का स्वागत किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्षों के दौरान दिवाली और अन्य त्योहार नहीं मनाए जा सके. उन्होंने कहा, हमने (इस साल) गणपति, नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया. यह दिवाली की अच्छी शुरुआत है.
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मनसे प्रमुख राज ठाकरे से लगातार मुलाकात कर रहे हैं. इसी के साथ मुंबई समेत दस नगर निगमों के चुनावों की घोषणा आने वाले दिनों में होने की उम्मीद है. जिसको लेकर राजनीति तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि ‘बीजेपी’ एकनाथ शिंदे की (शिवसेना) खेमे के साथ मिलकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को बृहन्मुंबई महानगरपालिका की सत्ता से हटाना चाहती है.

‘दीपोत्सव’ का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने वहां बड़ी तादाद में मौजूद लोगों और मीडिया से संवाद साधा. सीएम ने कहा कि वे कई सालों से राज ठाकरे के दीपोत्सव में शामिल होना चाहते थे, लेकिन आबोहवा में घुटन मौजूद थी, बंदिशें थी. अब ताजी हवाएं आ रही हैं. उन्होंने कहा कि सारे त्योहार अब खुलकर मनाए जा सकते हैं. एक आम आदमी सीएम बना है. जनता के लिए दरवाजे अब हर वक्त खुले हैं. राज ठाकरे कभी भी अचानक जनता के मुद्दे लिए उनके पास पहुंच जाते हैं.

जनता का जीतें मन, मन जीतेंगे तो मिलेंगे मत: फडणवीस
इस कार्यक्रम से निकलकर देवेंद्र फडणवीस बीजेपी के दिवाली स्नेह मिलन के कार्यक्रम में पहुंचे. इस स्नेह मिलन में मुंबई के बीजेपी विधायकों के साथ मुंबई अध्यक्ष आशिष शेलार मौजूद थे. राज ठाकरे से मुलाकात के बाद जोश में देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अगली दिवाली में महाराष्ट्र में सरकार कायम रहने के साथ-साथ बीएमसी में भी अपनी सत्ता आएगी. उन्होंने बीजेपी पदाधिकारियों से कहा कि जनता का मन जीतें, मन जीतेंगे तो मत जीतना आसान होगा, और मत जीतने पर चुनाव में जीत हासिल होगी.

BMC चुनाव में राज ठाकरे से गठबंधन में क्या है बीजेपी-शिंदे को अड़चन
‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ गुट से विधानपरिषद में विपक्षी नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उद्धव ठाकरे की ताकत के डर से राज ठाकरे और शिंदे-फडणवीस साथ आ रहे हैं. लेकिन उन्हीं की पार्टी के चंद्रकांत खैरे कह रहे हैं कि उन तीनों के साथ आने से ठाकरे गुट को कोई फर्क नहीं पड़ता. पर सच्चाई यह है कि फर्क पड़ता है. राज ठाकरे के साथ खुलकर गठबंधन करने में फायदे और नुकसान दोनों हैं. यह एक सच्चाई है कि मुंबई में अब मराठी भाषी लोग अल्पसंख्यक हो चुके हैं. मुंबई में अब गुजराती, उत्तर भारतीय, मारवाड़ी, दक्षिण भारतीय, मुस्लिमों की अच्छी-खासी तादाद है. लेकिन चिंता मराठी वोटों के ध्रुवीकरण से है. अगर मराठी अस्मिता के नाम पर और सहानुभूति की वजह से मराठीभाषी लोग उद्धव के साथ खड़े हो गए तो बीजेपी-शिंदे गुट के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी.

राज से छुपा गठबंधन ही करेंगे शिंदे-फडणवीस
ऐसे में मनसे प्रमुख राज ठाकरे मराठी वोटरों को बीजेपी-शिंदे के साथ जोड़ने में कामयाब हो सकते हैं. यह सही है कि बीजेपी के मुंबई अध्यक्ष आशिष शेलार मराठा हैं. लेकिन मराठा और मराठी के लिए नेता की हैसियत उनकी नहीं है. उनकी छवि बीजेपी नेता के तौर पर ही. मराठी नाम पर वोट राज ठाकरे ही जोड़ सकते हैं. पर नुकसान इससे कहीं ज्यादा है. राज ठाकरे का परप्रांतीय विरोध उत्तर भारतीयों को बीजेपी से नाराज कर सकता है. अब एक कैल्कुलेशन यह भी निकलता है कि उत्तर भारतीय नाराज भी हुए तो बीजपी छोड़ कर जाएंगे कहां? इसलिए राज ठाकरे से नजदीकियां बढ़ाने में कोई हर्ज नहीं है. एक राय यह भी है कि क्यों ना राज ठाकरे के साथ फ्रेंडली फाइट या छुपा हुआ गठबंधन किया जाए, इसकी घोषणा नहीं की जाए. ज्यादा संभावना इसी की बनती है.