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UP Road Accident: मां विंध्यवासिनी के दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं की बस पलटी, 3 की मौत, 24 गंभीर रूप से घायल!

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के उन्नाव से श्रद्धालुओं को लेकर विंध्याचल धाम जा रही एक बस की ट्रक से जोरदार टक्कर हो गई. इस हादसे में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 18 अन्य घायल हैं, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को हायर सेंटर प्रयागराज रेफर किया गया है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, लखनऊ-प्रयागराज राजमार्ग पर हथिगवां के फूलमती के पास सामने से आये ट्रक ने बस में जोरदार टक्कर मार दी. जिससे श्रद्धालुओं से भरी बस पलट गई. देर रात में हुए हादसे के बाद यात्रियों में चीख पुकार मच गई. रात करीब एक बजे प्रतापगढ़ जिले के हथिगंवा थाना क्षेत्र के फूलमती नाला के पास यह हादसा हुआ. मृतक और घायल उन्नाव से नवरात्र के पहले दिन मिर्जापुर के विंध्याचल धाम में दर्शन करने जा रहे थे. हादसे पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर घायलों को अस्पताल भिजवाया. जहां से गंभीर रूप से घायल लोगों को प्रयागराज रेफर किया गया है. प्रभारी निरीक्षक नन्दलाल सिंह ने बताया की हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है. 10 लोगों को प्रयागराज रेफर किया गया है, शेष को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया.

सूचना पर हथिगंवा, कुंडा, महेशगंज थाने की पुलिस के साथ ही स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंचे. बस से निकालकर सभी को कुंडा सीएचसी ले आए. मृतकों की शिनाख्त उन्नाव के बिंदिया धाता निवासी रामनारायण की 12 साल की बेटी संध्या, 50 वर्षीय कृष्णकुमार और वासु लोधी (22) शामिल है. चैत्र नवरात्र के पहले ही दिन मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हादसे का संज्ञान लिया है. सीएम योगी ने मृतक श्रद्धालुओं के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. साथ ही सीएम योगी ने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने घायल श्रद्धालुओं के समुचित उपचार के निर्देश दिए.

विंध्याचल धाम में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, माता के जयकारों से गूंजा विंध्यधाम
बता दें कि विंध्याचल में चैत्र नवरात्र मेले के पहले दिन मंगलवार को मां विंध्यवासिनी के दरबार में भोर से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मत्था टेका. भोर में मंगला आरती के बाद से दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया, जो अनवरत चलता रहा. मां विंध्यवासिनी मंदिर के परिक्रमा पथ परकोटा की छत पर साधक अनुष्ठान में तल्लीन रहे तो मुंडन संस्कार भी होता रहा.