उत्तर प्रदेशदिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य कोरोनावायरस: महाराष्ट्र के चार महानगर बंद, लोगों की घर वापसी, उत्तर भारत की ट्रेनों में भारी भीड़ 21st March 202021st March 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this पीएम मोदी ने लोगों से की शहर नहीं छोड़ने की अपील मुंबई: मुंबई से उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर जाने वाली ट्रेनों में गर्दी अचानक बढ़ गई है। इससे मध्य रेल प्रशासन को उत्तर भारत की ओर जाने वाली सामान्य ट्रेनों के अलावा पिछले 24 घंटों में 17 विशेष ट्रेनें चलानी पड़ी हैं। इसके बावजूद स्टेशनों पर भीड़ कम होने का नाम ही नहीं ले रही है।मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी ए.के जैन के अनुसार मुंबई से उत्तर प्रदेश एवं बिहार की ओर जाने के लिए 30 से 35 सामान्य ट्रेनें हैं। इन दिनों आरक्षण कम होने के कारण रेल प्रशासन इनमें से कुछ ट्रेनों को स्थगित करने पर विचार कर रहा था, लेकिन शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार द्वारा 31 मार्च तक राज्य के चार बड़े नगरों को बंद करने की घोषणा करते ही उत्तर भारत की ओर जाने वालों की भीड़ अचानक बढ़ने लगी। 17 विशेष अनारक्षित ट्रेनों की व्यवस्थाछत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस एवं लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मध्य रेल प्रशासन ने शुक्रवार दोपहर से शनिवार के बीच 17 विशेष अनारक्षित ट्रेनों की व्यवस्था की है। ये ट्रेनें भी अपनी क्षमता से अधिक यात्रियों को लेकर रवाना हो रही हैं। दिहाड़ी कामगारों के सामने रोजी-रोटी का संकटबता दें कि मुंबई, मुंबई उपनगर, कल्याण, नवी मुंबई, पालघर, रायगढ़ इत्यादि में उत्तर प्रदेश एवं बिहार के लोगों की आबादी 40 लाख के करीब है। इनमें बड़ा वर्ग दैनिक कामगारों का है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा जब चार बड़े महानगरों को बंद करने की घोषणा की गई, तो मजदूरी एवं छोटे व्यापार करने वालों के सामने रोजी-रोटी के अलावा खानपान का भी संकट उत्पन्न हो गया है। यूपी एवं बिहार के मजदूरों ने मुंबई छोड़ने का लिया निर्णयइसके कारण उन्होंने समय रहते मुंबई छोड़ने का निर्णय किया और बिना आरक्षण के ही अपने गांव भागने लगे हैं। लेकिन उनके लिए ट्रेनें पूरी नहीं पड़ रही हैं।22 मार्च यानी ‘जनता कर्फ्यू’ के दिन सुबह चार बजे से रात 10 बजे तक उत्तर भारत की कई ट्रेनें रद कर दिए जाने से भी स्थिति गंभीर हो गई है।राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने भी छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जाकर हालात का निरीक्षण किया। उन्होंने लोगों से स्टेशनों पर इकट्ठा न होने एवं होम क्वारंटाइन की सलाह पाए लोगों से ट्रेन का सफर न करने की अपील की। लेकिन जो लोग घरों से अपने गांव जाने के लिए निकल चुके हैं, वे वापस लौटने को तैयार नहीं। आशंका जताई जा रही है कि ये लोग रविवार का दिन भी ट्रेन के इंतजार में स्टेशनों पर ही गुजार देंगे। वैसे रेल प्रशासन ‘जनता कर्फ्यू’ खत्म होने के बाद यात्रियों की स्थिति को देखते हुए विशेष गाडि़यां चलाने का फैसला कर सकता है। रेलवे की ओर से स्टेशनों पर भीड़ कम करने के उपाय किए अवश्य गए हैं, लेकिन अचानक उमड़ी भीड़ के कारण ये उपाय नाकाफी नजर आए। पीआरएस काउंटरों पर बुकिंग के लिए एक-एक मीटर दूरी पर लाइनें पेंट की गई हैं। लेकिन निगरानी तंत्र के अभाव में बहुत कम जगहों पर यात्री इस दूरी का पालन करते दिखाई दिए। इसी प्रकार प्लेटफार्मो पर ट्रेन में चढ़ते समय दूरी का नियम भंग होता रहा और यात्रियों के बीच पहले चढ़ने की होड़ देखी गई। जबकि कई ट्रेने रद होने तथा शनिवार रात से रविवार रात तक ट्रेन संचालन पूरी तरह बंद रहने के ऐलान के बाद मुंबई से बिहार, बंगाल और पूर्वोत्तर जाने वाली ट्रेनों में जनरल क्लास के यात्रियों के बीच अपने घर पहुंचने की होड़ देखी गई। नतीजतन, ट्रेनों के भीतर, खासकर जनरल बोगियों में वहीं नजारा देखने में आ रहा था जो आम तौर पर छठ, दुर्गापूजा अथवा होली, दीवाली के दिनों में नजर आता है। इसे लेकर पीएम मोदी ने भी लोगों ने आह्वान किया है Post Views: 138