दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़

गुलाम नबी ने बनाई ‘डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी’, 26 अगस्त को छोड़ी थी कांग्रेस…

नयी दिल्ली: कांग्रेस पार्टी से आजाद होने के बाद गुलाम नबी आज़ाद ने आज अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया है। मीडिया को संबोधित करते हुए आज़ाद ने बताया कि हमारी पार्टी में 50 प्रतिशत टिकट महिलाओं और नौजवानों को दिया जाएगा।
वरिष्ठ राजनेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने अपनी नई पार्टी का नाम ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ (DAP) रखा है। नई पार्टी का ऐलान करते समय उन्होंने साफ कहा कि ‘आजाद’ का अर्थ मेरे नाम से नहीं है। इसका मतलब है कि हमारी अपनी सोच होगी। हम किसी भी राजनीति दल की सोच से प्रभावित नहीं होंगे और ये पार्टी आजाद रहेगी। इस मौके पर उन्होंने अपनी नई पार्टी के झंडे का अनावरण भी किया, जो कि तीन रंगों का है…पीला, सफ़ेद और नीले रंग। आजाद ने यह भी बताया कि मेरी नई पार्टी के लिए लगभग 1,500 नाम हमें उर्दू, संस्कृत में भेजे गए थे। हिन्दी और उर्दू का मिश्रण ‘हिन्दुस्तानी’ है। हम चाहते हैं कि नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो।

अपनी पाटी में कोई निरंकुशता नहीं होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा, इंतजार खत्म हुआ। मेरी पार्टी का नाम ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ (डीएपी) है। पार्टी के नाम में आज़ाद शब्द को मेरे व्यक्तिगत नाम से गलत न समझें या न जोड़ें।
इस मौके पर आजाद के साथ कांग्रेस के पूर्व नेता और मंत्री ताराचंद, जी एम सरूरी, आर एस चिब और अन्य नेता भी मौजूद थे।
श्री आजाद ने कहा कि ‘डीएपी’ का मतलब है कि पार्टी प्रकृति में लोकतांत्रिक होगी और लोकतांत्रिक नियमों का पालन करेगी। ‘आजाद’ का मतलब मेरे नाम से नहीं है बल्कि इसका मतलब है कि पार्टी स्वतंत्र प्रकृति की होगी और उस पर कोई दबाव नहीं होगा।
झंडे और उसके रंगों के बारे में आजाद ने कहा कि पीले रंग का मतलब रचनात्मकता और विविधता भी है। उन्होंने कहा, हमारा देश ‘भारत’ और ‘जम्मू-कश्मीर’ विविधता से भरा है। सफेद का अर्थ है शांति। हम गांधी जी के अनुयायी हैं और शांति के मार्ग पर चलेंगे। गहरे नीले रंग का अर्थ है गहरा समुद्र, बल्कि गहरे समुद्र से आसमान तक की गहराई। हमारे पास गहराई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पार्टी में जमीनी स्तर से चुनाव होंगे। उन्होंने कहा, हम यहां अपने स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए हैं। मेरा किसी पार्टी से कोई मुकाबला नहीं है। प्रतिस्पर्धा करेंगे जैसे छात्र कक्षा में एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। हमारा कोई दोस्त या दुश्मन नहीं है। जनता सर्वोच्च है और उन्हें हमारे भाग्य के बारे में फैसला करना है। मेरे लिए, हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई मानव हृदय के सिर्फ चार कक्ष हैं।
उन्होंने कहा कि युवाओं को 50 फीसदी टिकट दिए जाएंगे। अनुच्छेद 370 के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि इसे बहाल नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, मैंने कहा कि अगर कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी या गृहमंत्री अमित शाह जी को मना सकता है, तो उनका स्वागत है। सच कहूं तो मेरा इतना प्रभाव नहीं है। मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि वर्तमान में मेरे पास ऐसी कोई ताकत नहीं है।
श्री आजाद ने कहा कि अनुच्छेद 370 को वापस लेने की मांग वाले विधेयक पर गृह मंत्री को 86 फीसदी वोट मिले जबकि 9 पार्टियों को महज 14 फीसदी वोट मिले। उन्होंने जोर दिया कि 86 प्रतिशत मायने रखता है।
एक सवाल के जवाब में श्री आजाद ने कहा कि अनुच्छेद 370 विलय की संतान था जो 70 साल लंबे समय तक लागू रहा। उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई पर विचार करने का फैसला किया है, देखते हैं।
कांग्रेस के पूर्व नेता ने कांग्रेस के बारे में कहा कि वह लंबे समय तक पार्टी से जुड़े रहे लेकिन कॉलेज के दिनों से ही वह हमेशा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनुयायी थे।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर सेब के ट्रकों को रोके जाने के बारे में पूछे जाने पर श्री आजाद ने कहा कि एम्बुलेंस की तरह सेब के ट्रकों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हम एम्बुलेंस को सड़कों पर आगे बढ़ने का रास्ता देते हैं, उसी तरह सेब के ट्रकों पर भी लागू किया जाना चाहिए वरना बंपर सेब की फसल का क्या मजा है।

आजाद ने 26 अगस्त को छोड़ी थी कांग्रेस
बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद सहित कई पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी थी। कांग्रेस छोड़ने के साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर में नई पार्टी लॉन्च करने की घोषणा की थी।