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नवाब मलिक की मुश्किलें बढ़ी, 7 मार्च तक ईडी कस्टडी

मुंबई: अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे राकांपा नेता नवाब मलिक की मुश्किल बढ़ गई है। विशेष पीएमएलए अदालत ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत 7 मार्च तक बढ़ा दी है।
दरअसल, वरिष्ठ राकांपा नेता की हिरासत गुरुवार 3 मार्च को खत्म हो रही थी। इससे पहले माना जा रहा है था कि ईडी, मलिक की हिरासत बढ़ाने की मांग कर सकती है। वहीं एनसीपी नेता नवाब मलिक ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। स्पेशल कोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता नवाब मलिक को 8 दिनों की ईडी हिरासत में भेजा था। उनकी ये हिरासत गुरुवार को खत्म हो रही थी, लेकिन कोर्ट ने एक बार फिर इसे 7 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया है।

बॉम्बे हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर बुधवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान ईडी ने नवाब मलिक की याचिका पर जवाब देने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा। जबकि कोर्ट ने ईडी को 7 मार्च तक का समय दिया है। अब हाईकोर्ट में सात मार्च को सुनवाई होगी।
बता दें कि नवाब मलिक की ओर से सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए यह दावा किया गया था कि उन पर ईडी की कार्रवाई राजनीतिक कारणों से हुई है। वे अकेले नहीं हैं, जिन पर केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया गया है। मलिक ने कहा कि, राजनीतिक विरोधियों को दबाने का यह ट्रेंड बन गया है। उन्होंने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है। इसे रद्द किया जाए और उन पर लगे आरोप से उन्हें बरी किया जाए।

जानें- क्या है पूरा मामला?
महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई के कुर्ला स्थित मुनिरा प्लंबर की 300 करोड़ रुपए की जमीन 30 लाख रुपए में खरीदी थी और उसमें भी पेमेंट 20 लाख रुपए का किया गया था। इस जमीन के मालिक को एक रुपया नहीं दिया गया। बल्कि उनसे यह जमीन पॉवर ऑफ एटॉर्नी के जरिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंधित और मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी व्यक्तियों के नाम करवाई गई। यही नहीं इस मामले में मलिक के बेटे फराज के नाम से यह जमीन ले ली गई। इसके बदले में दाऊद की बहन हसीना पारकर के खाते में पचास लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे।

सरकार क्यों नहीं ले रही नवाब मलिक का इस्तीफा?
इस पूरे मामले के बाद महाराष्ट्र की सियासत भी गर्मा गई है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता व पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य सरकार नवाब मलिक का इस्तीफा क्यों नहीं लेना चाहती? ये दाऊद समर्पित सरकार है। नवाब मलिक का इस्तीफा तुरंत लिया जाना चाहिए।

नवाब मलिक को लेकर महाराष्ट्र विधानमंडल में प्रदर्शन

महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट से पहले भाजपा विधायकों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। बीजेपी विधायकों ने मंत्री नवाब मलिक को उनके पद से नहीं हटाने के राज्य सरकार के फैसले को लेकर खिलाफ गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच एमवीए नेता भी भाजपा के खिलाफ मैदान में उतर आए हैं।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते प्रवर्तन निदेशालय ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़ी धनशोधन जांच के सिलसिले में राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार किया था।
विधानसभा में गुरुवार को विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, विधान परिषद में लोकसभा अध्यक्ष प्रवीण दरेकर और प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि एमवीए सरकार उन लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है जिन्होंने (1993) के मुंबई बम विस्फोटों में दोषी ठहराए गए दाऊद और उसके सहयोगियों की मदद की थी। हम मलिक को मंत्री बनाए रखने के फैसले की निंदा करते हैं, जब कुछ आरोपों के तहत गिरफ्तार किए गए मंत्री को हटाने की एक मिसाल रही है।
बता दें कि गुरुवार से शुरू हो रहे राज्य विधानमंडल का बजट सत्र 25 मार्च को समाप्त हो रहा है। महाराष्ट्र में विपक्षी भाजपा ने कहा है कि वह चाहती है कि मौजूदा सत्र फलदायी रहे और वह कई मुद्दों पर चर्चा करना चाहती है, बशर्ते एमवीए सरकार मलिक को बर्खास्त कर दे।
वहीँ एमवीए नेताओं ने भाजपा का विरोध करते हुए दावा किया है कि भगवा पार्टी राज्य सरकार को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।